
7 अगस्त की सुबह जब निवेशकों ने अपने स्क्रीन खोले, तो उन्हें उम्मीद थी कि बाजार सकारात्मक संकेत देगा, लेकिन माहौल बिलकुल उल्टा रहा। सेंसेक्स लगभग 445.34 अंकों की गिरावट के साथ 80,098.65 के स्तर पर ट्रेंड करता नजर आया, जबकि निफ्टी भी 144.20 अंकों की कमजोरी के साथ 24,430.00 पर बंद हुआ। यह गिरावट केवल सतही नहीं थी, बल्कि पूरे दिन के व्यापार सत्र में इसके प्रभाव महसूस किए गए।
बाजार में शामिल 30 प्रमुख शेयरों में से 26 लाल निशान में थे, जबकि केवल 4 शेयर ही हरे रंग में टिक पाए। सबसे अधिक दबाव बैंकिंग, ऑटोमोबाइल और आईटी सेक्टर पर देखा गया, जो आम तौर पर निवेशकों की पहली पसंद और बाजार की रीढ़ माने जाते हैं।
गिरावट के पीछे के कारण:
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और डॉलर के मजबूत होने से विदेशी निवेशकों का दबाव बढ़ा।
- बड़ी बाजार पूंजी वाली बैंकिंग कंपनियों में रुख की कमजोरी ने निवेशकों को सतर्क किया।
- ऑटो सेक्टर पर मांग में कमी और कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि का असर पड़ा।
- IT सेक्टर में वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियों की चुनौतियों और वार्षिक आय रिपोर्ट के कमजोर संकेतों ने नकारात्मकता को बढ़ावा दिया।
निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और बाजार में स्थिरता आने के लिए बेहतर आर्थिक संकेतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन निवेशकों को विवेकपूर्ण और लंबी अवधि की नजर से निवेश करने की सलाह दी जाती है।