
लोकप्रिय कथावाचक और संत प्रेमानंद महाराज के जीवन को लेकर लोग हमेशा curious रहते हैं, खासकर उनकी संपत्ति, घर, कार और मोबाइल फोन जैसी चीज़ों के संबंध में। इस आर्टिकल में हम आपको प्रेमानंद महाराज की सादगी से भरी जीवनशैली और उनके पास उपलब्ध संसाधनों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
प्रेमानंद महाराज की संपत्ति
प्रेमानंद महाराज ने खुद एक बार स्पष्ट कहा था कि उनके पास 10 रुपए भी नहीं हैं। अगर कोई उनसे 10 रुपए मांगता भी है तो उनके पास देने के लिए कुछ नहीं होता। उनके अनुसार उनकी कोई निजी संपत्ति या बैंक अकाउंट तक नहीं है। वे पूर्णतः संतत्व की जीवनशैली को अपनाए हुए हैं और किसी प्रकार के भौतिक संसाधनों के मालिक नहीं हैं।
क्या है उनका घर?
महाराज जी के पास कोई अपना घर नहीं है। वे एक भक्त के फ्लैट में रहते हैं, जहां उनका रहने-खाने का पूरा ध्यान भक्त ही रखते हैं। यहां तक कि बिजली का बिल भी उनका भक्त ही भरता है।
कार और यात्रा
आमदौर पर प्रेमानंद महाराज को पैदल चलते हुए देखा जाता है। हालांकि कई बार वे एक ऑडी कार में भी सवार दिखे हैं, लेकिन यह उनकी निजी कार नहीं है। यह कार उनके सेवकों की है, जिसका उपयोग वे यात्रा के दौरान करते हैं। उन्होंने साफ कहा है कि यह कार उनकी नहीं है।
मोबाइल फोन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराज के पास कोई मोबाइल फोन नहीं है और वे मोबाइल चलाना भी नहीं जानते। वे पूरी तरह से सांसारिक मोह-माया से दूर रहते हैं और आध्यात्मिक मार्ग पर चलते हैं।
आध्यात्म की ओर बढ़ने की कहानी
प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। उनका जन्म 1969 में कानपुर के सरसौल ब्लॉक के अखरी गांव में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई, लेकिन पांचवीं कक्षा से उनका झुकाव आध्यात्म की ओर बढ़ने लगा। 9वीं कक्षा में आते-आते उन्होंने सांसारिक मोह और माया को त्यागकर आध्यात्मिक मार्ग को अपना लिया। आज देश-विदेश से लोग उनके सत्संगों और दर्शन के लिए आते हैं।
संक्षेप में, प्रेमानंद महाराज का जीवन अत्यंत सरल और नि:स्वार्थ है। उनके पास कोई निजी संपत्ति नहीं, न ही भौतिक सुख-सुविधाएं। वे पूरी तरह से भक्तों और आध्यात्म की सेवा में लगे हुए हैं, जो उनके शिष्य और अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।