
Refined Oil Side Effects: आजकल हर घर की रसोई में खाना पकाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली चीजों में से एक रिफाइंड तेल भी है। टीवी एड्स में इसे हल्का, फिटनेस फ्रेंडली और कोलेस्ट्रॉल फ्री ऑयल बताकर बेचा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस तेल को हम हर दिन खा रहे हैं, वह हमारे शरीर पर कैसा असर डाल रहे हैं? बता दें कि रिफाइंड ऑयल खाने से दिल की बीमारियों का रिस्क सबसे ज्यादा बढ़ता है और यह हमारे शरीर के कई अंगों को डैमेज भी करता है। आइए जानते हैं यह तेल क्यों खतरनाक है और इसे क्यों नहीं खाना चाहिए।
क्यों खतरनाक है रिफाइंड का तेल?
रिफाइंड तेल कई प्रकार के होते हैं। इसे पाम ऑयल भी कहते हैं। दरअसल, ये कई अलग-अलग नेचुरल चीजों से बनता है लेकिन इसे गुण खराब होने की वजह इसकी प्रोसेसिंग भी है। रिफाइंड तेल की प्रोसेसिंग इतनी ज्यादा होती है कि उसमें से नैचुरल न्यूट्रिएंट्स खत्म हो जाते हैं और ऐसे केमिकल्स शामिल हो जाते हैं जो हमारी सेहत को लंबे समय में नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एक्सपर्ट क्या बताते हैं?
SAAOL हार्ट सेंटर के डॉक्टर बिमल छाजेड़ बताते हैं कि तेल में कोई भी स्वाद नहीं होता है। इसलिए, इसे इतना ज्यादा खाने की जरूरत नहीं है। रिफाइंड तेल जिसमें ट्राइग्लाइसिराइड और कैलोरीज मौजूद होती हैं। ये चीजें तेल को नुकसानदायक बना देता है। अगर हम इसे बहुत ज्यादा खाएंगे तो कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ेगा। इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ेगा। डॉक्टर बताते हैं कि जितना सिगरेट हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है, उतना ही रिफाइंड तेल भी हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
कौन सी बीमारियां होती हैं?
दिल की बीमारियां
रिफाइंड तेल में मौजूद ट्रांस फैट और ओमेगा-6 फैटी एसिड की अधिक मात्रा, शरीर में कोलेस्ट्रॉल असंतुलन और इंफ्लेमेशन को जन्म देती है। इससे दिल की धमनियों में ब्लॉकेज की संभावना बढ़ जाती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
ब्रेन नर्वस
रिफाइंड ऑयल मे अनहेल्दी कंपोनेनट्स होते हैं, जो दिमाग के मेम्ब्रेन को क्षति पहुंचाता है। इससे डिप्रेशन, स्ट्रेस और मेमोरी लॉस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

मोटापा और डायबिटीज का मुख्य कारण
रिफाइंड तेल हमारे शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस पैदा कर सकते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं रहता है। यह मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज और फैटी लिवर की समस्या का कारण बनता है।
ओबेसिटी ऐसी समस्या है जिसमें इंसान के शरीर का वजन अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगता है। बढ़ा हुआ वजन भी इन सभी बीमारियों को बढ़ावा देता है। फैटी लिवर जो देश में नई आपदा की तरह उभर रहा है। यह भी रिफाइंड तेल के सेवन से होती है।
कैंसर का भी रिस्क
रिफाइंड तेल को अधिक तापमान पर बार-बार गर्म करने से उसमें फ्री रेडिकल्स बनते हैं। ये शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाते हैं, जिससे कैंसर जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है, खासकर ब्रेस्ट और कोलन कैंसर के लिए रिफाइंड तेल जिम्मेदार हो सकता है।
क्या है हेल्दी विकल्प?
- गाय का शुद्ध देसी घी खाएं।
- कोल्ड प्रेस्ड तेल खा सकते हैं।
- ऑलिव ऑयल खाएं।
डॉक्टर बिमल बताते हैं कि तेल का सेवन न करना ही सबसे अच्छा माना जाता है। मगर भारतीय व्यंजनों की पहचान तेल और घी से होती है, ऐसे में कोशिश करनी चाहिए कि आपको तेल का इस्तेमाल कम से कम करना है।