ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने आज मुंबई में बड़ी घोषणा की है. भारत की दिग्गज फिल्म कंपनी यशराज फिल्म्स अगले साल यानी 2026 से अपनी तीन नई बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्मों की शूटिंग ब्रिटेन में करेगी. इससे ब्रिटेन में 3,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी और अर्थव्यवस्था को करोड़ों पाउंड का आर्थिक लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने मुंबई में यशराज स्टूडियो का दौरा किया, जहां उन्होंने इस ऐतिहासिक फिल्म सहयोग का ऐलान किया.
उनके साथ ब्रिटेन के प्रमुख फिल्म संस्थानों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, जिनमें British Film Institute (BFI), British Film Commission, Pinewood Studios, Elstree Studios और Civic Studios शामिल थे. ये दौरा कीर स्टार्मर के दो दिवसीय भारत व्यापार मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत के साथ आर्थिक और सांस्कृतिक साझेदारी को गहरा करना है.
सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करेगी डील
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, Bollywood is back in Britain — bringing jobs, investment and opportunity, और ये साझेदारी हमारे भारत-UK व्यापार समझौते की असली ताकत को दर्शाती है. यह न सिर्फ आर्थिक वृद्धि का माध्यम है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक रिश्तों को भी मजबूत करेगी. भारत की सबसे बड़ी प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी यशराज फिल्म्स आठ साल बाद ब्रिटेन में शूटिंग करने जा रही है. कंपनी के सीईओ अक्षय विधानी ने कहा, UK हमारे लिए हमेशा खास रहा है. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (DDLJ) जैसी कई प्रतिष्ठित फिल्में वहीं शूट हुईं. DDLJ की 30वीं सालगिरह पर ब्रिटेन में वापसी हमारे लिए बेहद खास है.
बॉलीवुड फिल्मों का ब्रिटेन में निर्माण
उन्होंने बताया कि यशराज फिल्म्स फिलहाल DDLJ पर आधारित इंग्लिश म्यूजिकल Come Fall in Love (CFIL) का निर्माण भी ब्रिटेन में कर रही है. विधानी ने कहा, UK की फिल्म इंडस्ट्री की तकनीक, इंफ्रास्ट्रक्चर और टैलेंट बेमिसाल है. ये सहयोग दोनों देशों की रचनात्मक साझेदारी को और गहरा करेगा. भारत और ब्रिटेन दोनों की फिल्म इंडस्ट्री विश्वस्तरीय है. बॉलीवुड फिल्मों का ब्रिटेन में निर्माण हमारी क्रिएटिव इंडस्ट्री में नई जान फूंकेगा और रोजगार बढ़ाएगा. इसी के तहत जल्द ही British Film Institute (BFI) और भारत की National Film Development Corporation (NFDC) के बीच एक नया MoU (समझौता ज्ञापन) साइन होगा. ये समझौता को-प्रोडक्शन, टैलेंट एक्सचेंज और संसाधन साझा करने को बढ़ावा देगा.