
Karwa Chauth before Marriage: करवा चौथ हिंदू परंपरा का एक खास व्रत है, जिसे कठिन और प्रभावशाली माना जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए पूरे दिन बिना पानी और भोजन किए व्रत रखती हैं. यही कारण है कि इसे निर्जला व्रत कहा जाता है. परंपरा के अनुसार यह व्रत केवल शादीशुदा महिलाएं ही करती थीं, लेकिन समय के साथ सोच और मान्यताएं बदली हैं. आजकल कुछ कन्याएं भी शादी से पहले करवा चौथ का व्रत रखती हैं. कई बार कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने की इच्छा से भी यह व्रत करती हैं. आइए जानते हैं इस पर मान्यताओं और परंपराओं की क्या राय है.
कुंवारी लड़कियों का करवा चौथ का व्रत रखना सही है?
मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत सिर्फ विवाहित महिलाएं ही नहीं, बल्कि कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं. अविवाहित कन्याएं यह व्रत अपने होने वाले पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए कर सकती हैं. इसके अलावा, मनचाहा जीवनसाथी पाने की इच्छा से भी यह व्रत रखा जाता है.इसलिए अविवाहित लड़कियों का यह व्रत रखना सही है. यहां तक कि अविवाहित युवक भी अपनी होने वाली पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत रख सकते हैं, लेकिन शादी से पहले व्रत करने वालों को कुछ खास नियमों का पालन करना होता है.
ऐसे करें कुंवारी कन्याएं करवा चौथ की पूजा
अगर सास मौजूद न हो, तो अविवाहित कन्याएं करवा चौथ की सरगी एक दिन पहले खुद खरीद सकती हैं. व्रत के दिन सूर्योदय से पहले सरगी का सेवन करें. इसके बाद स्नान करके साफ-सुथरे और रंग-बिरंगे कपड़े पहनें तथा हल्का श्रृंगार करें. संकल्प लेने के बाद भगवान गणेश और भगवान शिव की पूजा करें और पूरा दिन व्रत रखें. शाम को चांद निकलने से पहले गणेश जी, शिव जी, कार्तिकेय जी और माता करवा की पूजा करें. इसके बाद व्रत कथा सुनें या पढ़ें. रात को छलनी से चांद की जगह तारों को देखकर उनकी आरती उतारें और अंत में खुद पानी पीकर व्रत का समापन करें.
कुंवारी कन्याओं के लिए व्रत के नियम
अविवाहित कन्याएं दिन में एक बार पानी और फल खा सकती हैं.
उन्हें थाली घुमाने या करवा बदलने की रस्म करने की ज़रूरत नहीं होती.
16 श्रृंगार करना जरूरी नहीं है.
व्रत के दौरान कुंवारी कन्याओं को सुहाग की चीज़ें गिफ्ट में नहीं लेनी चाहिए.