Karwa Chauth 2025 Rahukal Time: करवा चौथ के दिन इस समय रहेगा ‘राहुकाल’, भूलकर भी न करें पूजा-पाठ!

Karwa Chauth 2025 Rahukal Time: करवा चौथ के दिन इस समय रहेगा 'राहुकाल', भूलकर भी न करें पूजा-पाठ!

करवा चौथImage Credit source: Getty Images

Karwa Chauth 2025 Timings: पंचांग के अनुसार, इस साल सुहागिनों का पावन पर्व करवा चौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा कर, चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. हालांकि, व्रत के दिन एक ऐसा समय राहुकाल भी रहेगा जब आपको किसी भी तरह का शुभ कार्य या पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए.

क्योंकि राहुकाल में किए गए शुभ कार्यों का फल नहीं मिलता, बल्कि कई बार विपरीत परिणाम भी देखने को मिलते हैं. ज्योतिष शास्त्र राहुकाल के समय को बहुत ही अशुभ माना गया है. आइए जानते हैं करवा चौथ के दिन राहुकाल का समय क्या रहेगा क्यों इस अवधि में पूजा-पाठ क्यों वर्जित होता है.

करवा चौथ 2025: राहुकाल का समय

पंचांग के अनुसार, 10 अक्टूबर, शुक्रवार को करवा चौथ के दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 08 मिनट तक रहेगा.

इस अवधि में कोई भी नया या शुभ कार्य, जैसे कि पूजा-पाठ, कथा सुनना, नई खरीदारी करना या यात्रा शुरू करना उचित नहीं माना जाता है. व्रत रखने वाली महिलाओं को इस समय के दौरान करवा चौथ की पूजा या कथा सुनने से बचना चाहिए.

राहुकाल को अशुभ क्यों माना जाता है?

ज्योतिष में राहु एक छाया ग्रह है, जिसका प्रभाव शुभ कार्यों पर नकारात्मक माना गया है. राहुकाल के दौरान ग्रहों की चाल ऐसी मानी जाती है कि उस समय किए गए कार्यों में बाधा, विलंब या असफलता की संभावना बढ़ जाती है. यह हर दिन लगभग 90 मिनट (डेढ़ घंटे) की एक अवधि होती है, जिसे अशुभ या हानिकारक माना जाता है. राहुकाल का संबंध भ्रम, वासना, लालच और मोह से जोड़ा जाता है.

राहु का प्रभाव

ज्योतिष में राहु को एक छाया ग्रह और असुर माना गया है. जो सूर्य और चंद्रमा पर भी अपना नकारात्मक प्रभाव डालता है. माना जाता है कि राहुकाल के दौरान राहु का प्रभाव पृथ्वी पर सबसे अधिक होता है, जिसके कारण यह समय नकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है.

शुभ कार्यों का फल नहीं मिलना

यह मान्यता है कि राहुकाल के समय शुरू किए गए किसी भी शुभ कार्य, मांगलिक कार्य या नए कार्य में बाधाएं आती हैं और उसका शुभ फल नहीं मिलता है. कुछ मान्यताओं के अनुसार, इस काल में की गई पूजा-अर्चना का फल देवी-देवताओं को प्राप्त न होकर राक्षसों को मिलता है, इसलिए पूजा-पाठ करने की मनाही होती है.

किन कार्यों से बचें?

  • पूजा-पाठ: करवा चौथ की कथा सुनना, पूजा शुरू करना, या हवन करना.
  • नए काम की शुरुआत: व्यवसाय शुरू करना, नौकरी जॉइन करना, या कोई नया प्रोजेक्ट आरंभ करना.
  • खरीद-बिक्री: विशेष रूप से सोना, वाहन या संपत्ति से संबंधित महत्वपूर्ण लेन-देन.
  • यात्रा: किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए लंबी दूरी की यात्रा शुरू करना.
  • मांगलिक कार्य: विवाह, सगाई या गृह प्रवेश जैसे संस्कार.

क्या कर सकते हैं?

जो कार्य पहले से चल रहे हैं, उन्हें जारी रखा जा सकता है. इसके अलावा, राहुकाल में भक्ति, ध्यान और साधना करना उत्तम होता है. आप अपने इष्टदेव का मंत्र जप कर सकती हैं.

इसलिए सुहागिन महिलाओं को चाहिए कि वे करवा चौथ के दिन राहुकाल को ध्यान में रखें और अपनी पूजा की तैयारी इस अशुभ समय के पहले या बाद में करें, ताकि उनके व्रत और पूजन का पूरा और सही फल मिल सके.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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