Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीया क्यों जलाया जाता है? जानें महत्व और तरीका

Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीया क्यों जलाया जाता है? जानें महत्व और तरीका

356 बाती का दीपक

365 Batti Diya: सभी पूर्णिमा तिथियों में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है, क्योंकि इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, देव दिवाली पर सभी देवता पृथ्वी पर उत्सव मनाने आते हैं, इसलिए इसे देवताओं की दिवाली भी कहा जाता है. यह दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और और महादेव की पूजा के लिए बेहद शुभ होता है. कार्तिक पूर्णिमा पर दीपक जलाने और दीपदान करने की परंपरा बहुत पुरानी है. कुछ लोग इस दिन 365 बाती का दीया भी जलाते हैं. आइए जानें कि कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीपक जलाने से क्या लाभ होता है.

365 बाती का दीया

कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीपक जलाने का बहुत महत्व है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे पूरे साल के दीपदान का पुण्य मिलता है. यह दीपक कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि की शाम खासकर देव-दीपावली के दिन जलाया जाता है.

365 बाती का दीया कब और कहां जलाएं?

कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष रूप से देव-दीपावली के शुभ मुहूर्त में ही यह दीपक जलाना चाहिए. इस दीपक को घर के मंदिर, तुलसी के नीचे, किसी पवित्र नदी के किनारे, या शिव और विष्णु मंदिरों में जलाया जा सकता है. घर पर जलाते समय, दीये को नीचे एक कटोरी या मिट्टी का दिया रखकर जलाएं और तुलसी के पास थोड़ा दूरी बनाए रखें.

365 बाती का दीया कैसे बनाएं और जलाएं?

  • एक कटा हुआ नारियल, मिट्टी या पीतल का दीपक लें.
  • फिर कुछ बत्तियां यानी कलावा (मोली) लें.
  • 15 तार के धागे लें और 25 बार लपेटें, जिससे 375 बाती बनेंगी.
  • इसमें से 10 कम करके 365 कर सकते हैं.
  • बची हुई 10 बातियों को बची हुई 365 बातियों से बांध दें.
  • इसके बाद दीपक में देसी घी या तिल का तेल डालें.
  • बत्ती को दीपक में रखें और जलाएं.
  • दीपक को रोली, चंदन, चावल आदि से सजाएं.
  • जब दीपक पूरी तरह जल जाए, तो बचे हुए हिस्से को जल या भूमि में विसर्जित कर दें.

365 बाती के दीपक का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन 365 बाती का दीपक जलाने से साल भर की सभी पूर्णिमा और पूजा का फल एक साथ प्राप्त हो सकता है. इस दीये को घर के मंदिर, तुलसी के पौधे, पीपल के पेड़ या किसी मंदिर में जलाना बहुत शुभ माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बातियों का दीपक जलाता है, तो यह रोजाना पूजा करने के बराबर है. जो लोग रोज पूजा नहीं कर सकते, वे कार्तिक पूर्णिमा पर यह दीपक जला सकते हैं.

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *