
कार्तिक मास 2025
Tulsi Pooja in Kartik Month: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास 8 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जो कि 6 नवंबर तक चलेगा. इस महीने को बहुत ही महत्वपूर्ण और पुण्दायी माना गया है. कहते हैं कि जो भी इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसपर श्रीहरि की विशेष कृपा बनी रहती है. कार्तिक मास हो दामोदर मास के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक मास में तुलसी के पास दीपक जलाने की परंपरा सालों से चली आ रही है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कार्तिक मास में तुलसी के पास दीपक जलाना इतना अहम क्यों माना जाता है? चलिए हम आपको बताते हैं कार्तिक मास में तुलसी की पूजा का महत्व.
कार्तिक मास में तुलसी के पास दीपक जलाने का महत्व
कार्तिक मास में तुलसी के पास दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक मास में तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, धन-समृद्धि बढ़ती है और नकारात्मकता दूर होती है. कार्तिक माह में तुलसी पर दीपक को जलाने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, पितृ तृप्त होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है. कार्तिक मास में रविवार और एकादशी के दिन तुलसी पर जल न चढ़ाएं और न ही तुलसी के पत्ते तोड़ें.
कार्तिक मास में तुलसी पर दीया कब जलाएं?
कार्तिक मास में तुलसी पर दीपक रोजाना शाम के समय जलाना चाहिए, विशेषकर सूर्यास्त के बाद. यह दीपक घी या तिल के तेल से जलाएं, देसी गाय के घी का इस्तेमाल ज्यादा शुभ माना जाता है. इस माह में सुबह-शाम तुलसी की पूजा का भी विशेष महत्व है.
कार्तिक मास में तुलसी पर दीपक जलाने की विधि
समय:- कार्तिक मास में शाम के समय सूर्यास्त के बाद यानी संध्याकाल में दीपक जलाना चाहिए.
घी/तेल:- शुद्ध देसी गाय का घी या तिल का तेल दीपक के लिए इस्तेमाल करें. सरसों के तेल का इस्तेमाल बिल्कुल न करें.
दिशा:- तुलसी के पौधे के पास एक मिट्टी, धातु या आटे का दीपक उत्तर-पूर्व दिशा में रखें.
आरती:- दीपक जलाने बाद तुलसी की आरती करें. आरती के लिए आप उसी दीपक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
जल चढ़ाएं:- कार्तिक मास में सुबह-शाम तुलसी के पौधे को जल जरूर चढ़ाएं.
नियमों का पालन:- रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और न ही जल चढ़ाना चाहिए.
स्वास्तिक बनाएं:- कार्तिक मास में तुलसी के गमले पर स्वास्तिक का चिह्न बनाना भी शुभ माना जाता है.
मंत्र जाप:- तुलसी पर दीपक जलाने के बाद “शुभं करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते॥” मंत्र का जाप करें.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)