
कांतारा का सही नाम क्या है?
Kantara Chapter 1: इस वक्त साउथ से हिंदी सिनेमा तक सिर्फ एक ही नाम की गूंज है. जिसके काम की तारीफ हो रही है. साथ ही बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों का बिजनेस कर लिया है. इस फिल्म का नाम है- ‘कांतारा चैप्टर 1’. वहीं जिस एक्टर के आगे बॉलीवुड वालों की एक न चली, वो हैं- ऋषभ शेट्टी. उनकी फिल्म ने दुनियाभर से 400 करोड़ का कारोबार कर लिया है. वहीं भारत से भी जल्द 300 करोड़ पार हो जाएंगे. इस फिल्म में हर डिपार्टमेंट को बेस्ट से बेस्ट बनाया गया है. पर असली खेल ही नाम के साथ है, जिसे लोग अपने-अपने तरह से कहते हैं. कांतारा, कंतारा या कंटारा… फिल्म का सही में नाम क्या है? जानिए.
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें जान्हवी कपूर ऋषभ शेट्टी की फिल्म ‘कांतारा’ की बात करती नजर आ रही हैं. हालांकि, वो इस शब्द को कांटारा प्रोनाउंस करने के लिए काफी ट्रोल भी हो रही हैं. लोगों का कहना है कि नॉर्थ इंडिया की होने के बावजूद वो कांतारा को ‘कंटारा’-‘कांटारा’ कैसे कह सकती हैं. तो आज हम आपको बताएंगे कि फिल्म का सही नाम क्या है?
‘कांतारा’ का सही नाम क्या है?
ऋषभ शेट्टी की पहली फिल्म ‘कांतारा’ साल 2022 में आई थी. जिसे पहले सिर्फ कन्नड़ में रिलीज किया गया. पर देखते ही देखते फिल्म ने धमाल मचा दिया. जिसके बाद हिंदी में लाई गई और ब्लॉकबस्टर हो गई. अब कांतारा चैप्टर 1 का भौकाल देखने को मिल रहा है. पर जिस ‘कांतारा’ को लोगों का भर-भरकर प्यार मिल रहा है, उसका मतलब है- रहस्यमय जंगल. यह फिल्म की दैवीय शक्तियों वाली लोक-कथाओं पर आधारित है. जिसमें गुलिगा और पुंजरली देव गांव की रक्षा करते हैं. फिल्म का सही शब्द है- कांतारा. जिसे मेकर्स की तरफ से भी पोस्टर में एकदम क्लियर लिखा गया है. वहीं इंग्लिश में भी कांतारा ही प्रोनाउंस करना है.
लोग फिल्म का नाम ‘कंटारा’ इसलिए भी कह रहे हैं, क्योंकि साउथ में शब्द को बोलते वक्त ‘त’ की जगह ‘थ’ साउंड आता है. वहीं नॉर्थ में कुछ लोग इंग्लिश वाले T को उसी अंदाज में प्रोनाउंस करते हैं, जो कांटारा होता है. पर फिल्म का नाम- Kantara है, जो कि हिंदी में कांतारा होता है. वहीं, गूगल में भी कांतारा ही शब्द लिखा आएगा. जबकि मेकर्स ने भी पोस्टर्स में कांतारा ही लिखा है.
ऋषभ शेट्टी की कुर्बानी
‘कांतारा चैप्टर 1’ को लेकर ऋषभ शेट्टी ने कई खुलासे किए हैं. दरअसल फिल्म में उनकी पत्नी ही कॉस्ट्यूम डिजाइनर भी थीं. ऐसे में बच्चों को भी कई साल से उसी गांव में लाकर पढ़ाया जा रहा था. ताकी दोनों काम एक साथ किए जा सके. फिल्म की रिलीज के बाद से ही वो लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं. इस दौरान बताते नजर आए कि हर एक सीन पर मेहनत लगी है.