Kantara Chapter 1: ऋषभ शेट्टी को ले डूबी ये गलती! 300 करोड़ी ‘कांतारा 1’ का हिंदी में ऐसे बिगड़ा खेल, जनता क्यों नाराज?

Kantara Chapter 1: ऋषभ शेट्टी को ले डूबी ये गलती! 300 करोड़ी 'कांतारा 1' का हिंदी में ऐसे बिगड़ा खेल, जनता क्यों नाराज?

हिंदी ऑडियंस ने क्यों शिकायत की?

Kantara Chapter 1: इस वक्त सिनेमा में एक ही नाम की गूंज है, जो है- ऋषभ शेट्टी और ‘कांतारा चैप्टर 1’. फिलहाल देशभर से शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. यही वजह है कि पिक्चर ने भारत में अबतक 250 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. साथ ही दुनियाभर से 300 करोड़ की कमाई कर ली है. बात बैकग्राउंड स्कोर की हो, या VFX, एक्टिंग, सिनेमैटोग्राफी और स्क्रीप्ले-कहानी की… हर डिपार्टमेंट में कांतारा वालों की तारीफ हो रही है. पर हिंदी वर्जन में दो चीजों से जनता काफी नाराज है. जिसकी लगातार शिकायत भी की जा रही है. क्या यही वजह है, जो पिक्चर का काम बिगड़ रहा है.

यूं तो चार दिनों में ही ‘कांतारा चैप्टर 1’ ने हिंदी से 70 करोड़ से ज्यादा बिजनेस कर लिया था. पर अभी 100 करोड़ से दूर है. जल्द ही ऋषभ की फिल्म यह माइलस्टोन हासिल कर लेगी. लेकिन हिंदी में उम्मीद के मुताबिक, कम ही कमाई हो रही है. लेकिन कुछ सिनेमा मैनेजर ने बताया कि लोग साउंड क्वालिटी को लेकर लगातार शिकायत कर रहे हैं. आखिर कहां चीजें खराब जा रही हैं?

‘कांतारा चैप्टर 1’ में कहां गलती हो गई?

हाल ही में एक न्यूज वेबसाइट पर रिपोर्ट छपी. जिसके मुताबिक, मुंबई के कुछ मल्टीप्लेक्स में लोगों ने शिकायत की है. उनका कहना है कि फिल्म के शुरुआती सीन और बाद के कुछ सीक्वेंस में बैकग्राउंड म्यूजिक काफी ज्यादा है. जिसके चलते डायलॉग समझ ही नहीं आ रहे हैं. यहां तक कि ऑडियंस को कई जगह पर समझ नहीं आ रहा है कि किरदार क्या कह रहे हैं. हालांकि, ऐसा कुछ ही जगहों पर है, पूरी फिल्म में नहीं. जिसके चलते लोगों ने ज्यादा कुछ नहीं कहा. वो कहते हैं कि मेकर्स को इस चीज पर ध्यान देना था.

वहीं, दूसरी जगह कहा गया कि ऐसी चीजों से फिल्म में बचा जा सकता है. इसके लिए मेकर्स को इसमें सुधार करना चाहिए. कई बार जनता को लगता है कि थिएटर्स के साउंड क्वालिटी में कुछ दिक्कत है, इसलिए कुछ नहीं कहते हैं. पर ऐसा कुछ भी नहीं हमारी तरफ से सबकुछ ठीक है. कई थिएटर्स से हिंदी वर्जन में इस तरह की शिकायत आ रही हैं. हालांकि, वो कहते हैं कि पहले भी कई फिल्मों के मेकर्स ने अपडेट के साथ फाइल्स भेजी हैं. उम्मीद है कि इस फिल्म के मेकर्स भी कुछ ऐसा ही करें.

दूसरी क्या गलती है?

वहीं बैकग्राउंड म्यूजिक के अलावा एक और गलती मेकर्स ने कर दी. जो हिंदी वर्जन में फिल्म देख रहे लोगों ने बताई है. Guliga वाले सीन, जो हिंदी में डब नहीं है. वहां नीचे सबटाइटल लिखे दिखते हैं. पर उनका साइज इतना छोटा है कि अगर कोई दूर से फिल्म देख रहा है, तो वो शायद पढ़ न पाए. यह सबटाइटल इतने छोटे हैं कि लोगों ने लिखा- यह एक मिस्टेक है, जो समझ नहीं आ रहा.

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