
तांत्रिक उपायों और टोटकों में कई वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है, जिनमें काली गुंजा का नाम विशेष रूप से लिया जाता है। काली गुंजा को अत्यंत शक्तिशाली और अलौकिक माना जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन समय से ही तीव्र आकर्षण, सम्मोहन और वशीकरण के लिए किया जाता रहा है। मान्यता है कि काली गुंजा व्यक्ति को अपने वश में कर सकती है और साथ ही धन-संपत्ति भी आकर्षित करती है।
काली गुंजा की माला धारण करने से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह न केवल सौभाग्य और समृद्धि लाती है, बल्कि संकट आने पर अपना रंग बदलकर पहनने वाले को आगाह भी करती है। माना जाता है कि सिद्ध काली गुंजा की माला धारण करने से नजर दोष से मुक्ति मिलती है। इसे माला के अलावा ब्रेसलेट के रूप में भी पहना जा सकता है, जिससे बुरी नजर का असर समाप्त हो जाता है।
वशीकरण के उपायों में भी काली गुंजा का विशेष स्थान है। यदि आप काली गुंजा की माला पहनकर अपने शत्रु के सामने जाते हैं और उससे बातचीत करते हैं, तो वह आपकी बात मानने लगता है और दुश्मनी खत्म हो सकती है। किसी व्यक्ति को अपने वश में करने के लिए उसके रुमाल या कपड़े में सिद्ध काली गुंजा के दाने बांधकर रखने का उपाय भी किया जाता है, जिसका असर धीरे-धीरे दिखाई देने लगता है।
एक और मान्यता यह है कि जिस व्यक्ति को वश में करना हो, उसके पास काली गुंजा की माला पहनकर जाएं और अवसर मिलने पर यह माला उसके गले में डाल दें। ऐसा करने से वह व्यक्ति आपके प्रभाव में आ जाता है।
व्यापार में वृद्धि और पैसों की तंगी दूर करने के लिए शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार को एक तांबे का सिक्का और सिद्ध काली गुंजा माला लेकर लाल कपड़े में बांधें। इसे अपने ऊपर से 11 बार उतारें और सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच किसी सुनसान स्थान पर 11 इंच गहरे गड्ढे में दबा दें।
बच्चों की नजर दोष से रक्षा के लिए उनके हाथ में काली गुंजा का ब्रेसलेट पहनाना शुभ माना जाता है। इससे उन्हें बुरी नजर का असर नहीं लगता। काली गुंजा की माला धारण करने वाले व्यक्ति को काम, नौकरी और व्यवसाय में रुकावटों का सामना नहीं करना पड़ता और घर में धन और अन्न की कमी नहीं रहती।
कई स्थानों पर विवाह के समय वर और वधू के हाथों में लाल गुंजा पिरोकर पहनाई जाती है, ताकि उन्हें नजर दोष से बचाया जा सके और उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहे।