
30 अक्टूबर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्द शुरू होने वाला है. इस एयरपोर्ट से देश के लगभग हर बड़े शहरों के साथ-साथ विदेशों के लिए भी सीधी उड़ानें मिलेंगी. खास बात ये है कि इस एयरपोर्ट में विदेशी एयरलाइंस भी काफी दिलचस्पी दिखा रही हैं. एयरपोर्ट का काम अब लगभग पूरा हो चुका है और उम्मीद है कि 2025 के आखिर तक यहां से व्यावसायिक उड़ानें शुरू हो जाएंगी.
घरेलू ही नहीं, इंटरनेशनल रूट पर भी नजर
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने हाल ही में बताया कि कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस इस एयरपोर्ट से सेवाएं शुरू करने को लेकर गंभीर बातचीत कर रही हैं. इनमें पश्चिम एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रमुख एयरलाइंस शामिल हैं. फिलहाल, एयरस्पेस और उड़ानों के स्लॉट को लेकर विमर्श अंतिम चरण में है. जैसे-जैसे एयरपोर्ट के उद्घाटन की तारीख नजदीक आएगी, वैसे-वैसे एयरलाइंस की घोषणा और रूट प्लानिंग को लेकर और भी जानकारी सामने आएगी.
पहला फेज लगभग तैयार
इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. इस फेज में एक रनवे और एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल तैयार किया गया है, जिसकी वार्षिक यात्री संभालने की क्षमता लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों की है. पूरा एयरपोर्ट चार चरणों में विकसित किया जाएगा, जिसमें भविष्य में इसकी क्षमता और भी बढ़ाई जाएगी. अब केवल नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से लाइसेंस मिलने का इंतजार है. जैसे ही लाइसेंस मिलेगा, एयरलाइंस के साथ मिलकर उड़ानों की शुरुआत कर दी जाएगी.
30 अक्टूबर को होगा उद्घाटन
हाल ही में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 अक्टूबर को किया जाएगा. इसके बाद 2 से 3 हफ्ते के भीतर लगभग 10 शहरों के लिए उड़ानें शुरू हो जाएंगी. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि इस साल के अंत तक यहां से हवाई सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी. इससे राज्य को देश और विदेश से बेहतर हवाई कनेक्टिविटी मिलेगी, जो पर्यटन, व्यापार और निवेश को भी गति देगी.
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एनसीआर क्षेत्र की कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार होगा. खासकर ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आसपास के जिलों के लोगों को दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इस एयरपोर्ट से उड़ानों की शुरुआत न केवल यात्रियों को सुविधा देगी, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की आर्थिक तरक्की और रोजगार को भी नया बल देगी. आने वाले वर्षों में यह एयरपोर्ट एक ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित होगा.