JEE Main 2026: जेईई मेन में स्काेर टाई होने पर कैसे तय होती है रैंकिंग? जानें क्या है फॉर्मूला

JEE Main 2026: जेईई मेन में स्काेर टाई होने पर कैसे तय होती है रैंकिंग? जानें क्या है फॉर्मूला

JEE Main में टाई होने पर ऐसे तय होती है रैंकिंगImage Credit source: Getty image

JEE Main 2026: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) मेन का शेड्यूल जारी कर दिया है. इसी कड़ी में 31 अक्टूबर से जेईई मेन 2026 सेशन 1 के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जिसके तहत 27 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है.जेईई मेन 2026 पहले सेशन का आयोजन 21 से 30 जनवरी 2026 के बीच होगा.वहीं जेईई मेन सेशन 2 का आयोजन 1 से 10 अप्रैल 2026 के बीच प्रस्तावित है. कुल जमा जेईई मेन में प्रत्येक साल लाख छात्र शामिल होते हैं. ऐसे में सवाल है कि अगर जेईई मेन में दो अभ्यर्थियों का स्काेर टाई होता है तो रैंकिंग कैसे तय की जाती है.

आइए इसी कड़ी में जानते हैं कि जेईई मेन का स्कोर टाई होने पर रैंकिंग तय करने का फाॅर्मूला क्या है? साथ ही जानेंगे कि जेईई मेन का स्काेर क्यों महत्वपूर्ण है.

जेईई मेन का स्काेर क्यों महत्वपूर्ण?

देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला के लिए जेईई मेन का आयोजन किया जाता है. कुल जमा समझें तो जेईई मेन के स्कोर के आधार पर ही रैंकिंग तय होती है और इसी रैंकिंग के आधार पर ही देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला मिलता है. मतलब, बेहतर रैंकिंग तो बेहतर ब्रांच और काॅलेज मिलता है.

वहीं जेईई मेन में टाॅप 2.5 लाख रैंक करने वाले अभ्यर्थियों को ही जेईई एडवांस्ड में शामिल होने का मौका मिलता है. जेईई एडवांस्ड में टॉप रैंक वाले अभ्यर्थियों को IITs, NITs में दाखिला मिलता है.

स्कोर टाई तो ऐसे तय होती है रैंकिंग

जेईई मेन में अगर किन्हीं दो या अधिक अभ्यर्थियों के स्कोर टाई करते हैं तो एनटीए एक निर्धारित फॉर्मूले के आधार पर रैंकिंग तय करता है. इस फाॅर्मूले में सबसे अधिक वैल्यू गणित के स्कोर की है, फिर फिजिक्स की है. अगर गणित, फिजिक्स के स्कोर भी बराबर हैं ताे एक निश्चित क्रम में आगे बढ़ते हुए रैंकिंग तय की जाती है. आइए जानते हैं कि रैंकिंंग तय करने का निश्चित क्रम वाला फॉर्मूला क्या है.

  1. जेईई मेन में गणित का स्कोर
  2. जेईई मेन में फिजिक्स का स्कोर
  3. जेईई मेन में केमिस्ट्री का स्कोर
  4. जेईई मेन में सभी विषयों में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या का कम अनुपात वालेअभ्यर्थीको प्राथमिकता
  5. जेईई मेन में गणित में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या का कम अनुपात वाले अभ्यर्थीको प्राथमिकता
  6. जेईई मेन में फिजिक्स में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या का कम अनुपात वाला अभ्यर्थी
  7. जेईई मेन में केमिस्ट्री में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या का कम अनुपात वाले अभ्यर्थी
  8. यदि इसके बाद भी अभ्यर्थियों का स्कोर बराबर होता है तो उन्हें एक समान रैंक दी जाती है.

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