दुनियाभर में बदल रहा शक्ति संतुलन…डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर जयशंकर का बड़ा बयान

दुनियाभर में बदल रहा शक्ति संतुलन...डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर जयशंकर का बड़ा बयान

विदेशी मंत्री एस जयशंकर.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर ‘टैरिफ में अस्थिरता’ के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है. जयशंकर ने यह बात टैरिफ को लेकर वाशिंगटन की नीति के कारण उत्पन्न आर्थिक व्यवधानों पर कही. जयशंकर ने एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में भू-राजनीतिक परिदृश्य में हो रहे परिवर्तनों के रणनीतिक परिणामों पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग के एक तिहाई हिस्से का एक ही स्थान में स्थानांतरित होना भी शामिल है, उनका सीधा निशाना चीन था.

उन्होंने कहा कि अब वैश्विक परिदृश्य पर विचार करें और परिवर्तन की तीव्रता तथा उसके प्रभावों पर विचार करें. ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का एक तिहाई हिस्सा एक ही भौगोलिक क्षेत्र में स्थानांतरित हो गया है, जिसके परिणाम आपूर्ति शृंखलाओं पर पड़ रहे हैं.

कई समाजों में वैश्वीकरण विरोधी भावनाएं

उन्होंने अमेरिका की टैरिफ नीति का जिक्र करते हुए कहा कि कई समाजों में वैश्वीकरण विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं. टैरिफ में अस्थिरता के कारण ट्रेड कैलकुलेशन प्रभावित हो रही हैं. जयशंकर ने यह संबोधन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विद्यालय द्वारा आयोजित प्रथम अरावली शिखर सम्मेलन में दिया.

हमारे राष्ट्रीय हित में भारत-सोवियत संबंध

इस दौरान एक छात्र ने जयशंकर से प्रश्न किया कि क्या आज भारत की विदेश नीति किसी पर आश्रित है या स्वतंत्र इस पर उन्होंने कहा कि कुछ हद तक आश्रित है और स्वतंत्र भी. उन्होंने कहा कि अतीत में भी, अगर आप भारत-सोवियत संबंधों की बात करें, तो हमने जो किया वह हमारे राष्ट्रीय हित में था. उस समय हम अमेरिका-पाकिस्तान-चीन त्रिकोण में फंसे हुए थे. वह समय यह कहने का नहीं था कि मुझे तटस्थ रहना चाहिए और इस पक्ष का उतना ही महत्व है जितना उस पक्ष का. केवल एक ही पक्ष था और वह हमारा पक्ष था. उस पक्ष ने तय किया कि हमें अपने राष्ट्रीय हित में जो करना है, वही सर्वोत्तम है.

उन्होंने कहा कि आज भी कई बार देश हम पर अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी महान सिद्धांत का हवाला देकर दबाव डालते हैं. मैं उनसे पूछता हूं, ‘जब यह सिद्धांत हम पर लागू होते थे, तब आप कहां थे? मैं यह नहीं कहा रहा कि ये सिद्धांत मायने नहीं रखते, लेकिन अंत में राष्ट्रीय हित हर चीज से ऊपर है.

भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में गिरावट

टैरिफ अस्थिरता पर विदेश मंत्री की टिप्पणी भारत और अमेरिका के मध्य संबंधों में गिरावट के बीच आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है. उन्होंने कहा कि वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में व्यापक बदलाव आया है, अमेरिका जीवाश्म ईंधन का एक प्रमुख निर्यातक और चीन नवीकरणीय ऊर्जा का एक प्रमुख निर्यातक बन गया है. डेटा के उपयोग और कृत्रिम मेधा के विकास पर कई प्रतिस्पर्धी मॉडल हैं, जो एक-दूसरे से टकरा रहे हैं.

दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों के लिए प्रतिस्पर्धा

उन्होंने कहा कि बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां अपने आप में महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गए हैं. कनेक्टिविटी के नए रास्ते उभर रहे हैं, जिनमें से कुछ रणनीतिक उद्देश्यों के साथ हैं. विदेश मंत्री ने प्रतिबंधों के इस्तेमाल, संपत्तियों की जब्ती और क्रिप्टो के आगमन को पूरी दुनिया के वित्त परिदृश्य को बदलने वाले तत्वों के रूप में सूचीबद्ध किया. उन्होंने कहा कि दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों के लिए प्रतिस्पर्धा तीव्र हो गई है, जबकि टेक्नोलॉजी नियंत्रण और भी कड़े हो गए हैं. जयशंकर ने कहा कि जहां अधिकांश देश इससे निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं या अपने हितों की रक्षा में व्यस्त हैं, भारत को ऐसी अस्थिरता के बीच रणनीति बनानी होगी और आगे बढ़ना जारी रखना होगा.

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