
Ashadha Month 2025: हिंदू धर्म में हर माह का विशेष महत्व होता है. साथ ही अलग-अलग मास में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करने और नियमों का पालन करने का विधान है. आषाढ़ मास भी एक बेहद पवित्र महीना माना गया है.
इस महीने से मौसम में भी अहम बदलाव होता है. साथ ही इस महीने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है.
कब से शुरू होगा आषाढ़ मास?
आषाढ़ महीने की शुरुआत 12 जून 2025 से हो रही है, जो 10 जुलाई 2025 तक चलेगा. इसी दौरान बारिश का मौसम भी शुरू होगा, जिससे ज्येष्ठ की तीखी गर्मी से राहत मिलेगी. लोगों की जीवनशैली में बदलाव आएंगे. आषाढ़ मास की दूसरी एकादशी से ही भगवान विष्णु योगनिद्रा में जाते हैं, जिससे चातुर्मास का आरंभ होता है. चातुर्मास में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे गृहप्रवेश, शादी, सगाई, जनेऊ आदि संस्कार नहीं होते हैं.
आषाढ़ महीने में क्या ना करें
आषाढ़ के महीने में मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. इसके अलावा कई कामों से बचना चाहिए, वरना जातक के सारे पुण्य नष्ट हो जाते हैं और जीवन में मुसीबतों का अंबार लग जाता है. जानिए आषाढ़ के महीने में क्या काम नहीं करने चाहिए.
– आषाढ़ के महीने में तामसिक भोजन ना करें. विशेष तौर पर देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होने के बाद तो गलती से भी मांस-मदिरा का सेवन ना करें. चातुर्मास में लहसुन-प्याज का सेवन भी वर्जित बताया गया है.
– आषाढ़ मास से मौसम बदलता है, इससे इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम हो जाती है. लिहाजा इस महीने में बासी भोजन भी नहीं करना चाहिए. आषाढ़ में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने की भी मनाही की गई है, क्योंकि इनमें इस समय में कीड़े रहते हैं.
– वैसे तो कभी भी जल की बर्बादी नहीं करनी चाहिए लेकिन ज्येष्ठ और आषाढ़ के महीने में तो पानी बर्बाद करने की गलती ना करें.
– क्रोध, अहंकार और नकारात्मक विचारों से दूर रहें. किसी का अपमान ना करें.
(Disclaimer – प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. KBइसकी पुष्टि नहीं करता है.)