
Delhi Crime: दिल्ली के एक पॉश इलाके से शुरू हुई यह खौफनाक कहानी उत्तराखंड की पहाड़ियों में जाकर खत्म होती है। पति की संपत्ति और प्रेमी के लिए पत्नी ने ऐसा खेल रचा जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। यह हत्याकांड इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी मर्डर के पैटर्न पर किया गया। बस नाम अलग है, तरीका वही, और इंसानियत को शर्मसार करने वाला इरादा भी वैसा ही। दिल्ली के राजोकरी इलाके में रहने वाले रविंदर कुमार अचानक जून की शुरुआत में गायब हो गए। घरवाले परेशान हुए, मगर कोई सुराग नहीं मिला। 5 जून को उत्तराखंड के दुगड्डा क्षेत्र की एक खाई में एक लाश मिली, जिसकी पहचान कुछ ही दिनों बाद रविंदर कुमार के रूप में हुई। यहीं से खुला हत्या की साजिश का पूरा जाल।
रविंदर की पत्नी सिंधु, उम्र में उनसे करीब 20 साल छोटी, पहले तो गुमशुदगी का ढोंग करती रही, लेकिन पुलिस की जांच में कुछ ऐसा सामने आया जिसने केस की पूरी दिशा बदल दी। सिंधु दिल्ली में एक फिजियोथेरेपी क्लिनिक चलाती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात परितोष नाम के एक युवक से हुई, जो इलाज के लिए वहां आया था। इलाज के साथ-साथ दोनों में बातें होने लगीं। जल्द ही दोनों के बीच नजदीकियां इतनी बढ़ गईं कि सिंधु ने अपने पति की जगह परितोष को अपनी जिंदगी में फिट कर लिया।
प्रॉपर्टी, पार्टी और प्लान, शराब पिलाकर की हत्या
रविंदर कुमार अपने नाम पर करोड़ों की संपत्ति रखते थे और हर महीने करीब एक लाख रुपये का किराया कमाते थे। मगर उनकी आर्थिक हालत हाल ही में खराब हो गई थी। 18 लाख का कर्ज, चेक बाउंस और जेल की सजा ने उन्हें मानसिक रूप से भी परेशान कर दिया था। उन्होंने कर्ज चुकाने के लिए एक संपत्ति बेचने की तैयारी की थी, जिससे सिंधु और परितोष को खतरा महसूस हुआ।
कातिल पत्नी रीना सिंधु
31 मई को सिंधु ने रविंदर को एक “गेट-टुगेदर” के बहाने नगीना (यूपी) बुलाया। वहां पहले उसे शराब पिलाई गई, फिर प्रेमी परितोष के साथ मिलकर उस पर फावड़े से हमला किया गया। गर्दन और छाती पर इतने वार किए गए कि मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद दोनों आरोपी रविंदर का शव एक एसयूवी में डालकर पहले रामनगर, फिर उत्तराखंड के कोटद्वार ले गए। सुबह के अंधेरे में उन्होंने शव को दुगड्डा की खाई में फेंका और एसयूवी को नोएडा के एक चौराहे पर लावारिस छोड़ दिया।
ऐसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
शुरुआत में पुलिस को यह एक हादसा लगा, लेकिन पोस्टमार्टम में दो पसलियों के टूटने से हत्या की पुष्टि हो गई। सीसीटीवी फुटेज, फोन की लोकेशन और गेस्टहाउस की रसीदें जैसे तकनीकी सुरागों ने सिंधु की झूठी कहानी की परतें उधेड़ दीं। सबसे बड़ा सुराग मिला रविंदर की जेब से मिली एक पर्ची से, जो उन्हें सिंधु और एक खास गेस्टहाउस से जोड़ती थी। कॉल डिटेल्स और लोकेशन से यह भी पता चला कि सिंधु 26 मई को हरिद्वार में रुकी थी, जबकि रविंदर 31 मई को नगीना गया था। इन सभी सबूतों को मिलाकर पुलिस ने सिंधु और परितोष को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि वे रविंदर की संपत्ति और अपने “साथ” के लिए इस खौफनाक साजिश को अंजाम देना चाहते थे।