ISRO का ‘बाहुबली’ रॉकेट कल भरेगा उड़ान, साथ ले जाएगा भारी भरकम CMS-03 सैटेलाइट

एलवीएम3- को इसरो के वैज्ञानिक भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) एमके3 भी कहते हैं. इसरो ने कहा कि एलवीएम3-एम5 पांचवीं अभियानगत उड़ान है, इससे पहले, अंतरिक्ष एजेंसी ने पांच दिसंबर, 2018 को एरियन-5 वीए-246 रॉकेट के जरिए फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केंद्र से अपने सबसे भारी संचार उपग्रह जीसैट-11 को प्रक्षेपित किया था। लगभग 5,854 किलोग्राम वजनी जीसैट-11 इसरो द्वारा निर्मित सबसे भारी उपग्रह है.

मिशन का उद्देश्य

इसरो ने कहा कि रविवार के मिशन का उद्देश्य यह है कि बहु-बैंड संचार उपग्रह सीएमएस-03 भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा. एलवीएम-3 रॉकेट ने इससे पहले चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया था, जिसके जरिए भारत 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बन गया. एलवीएम3 यान अपने शक्तिशाली क्रायोजेनिक चरण के साथ 4,000 किलोग्राम वजन का पेलोड जीटीओ तक तथा 8,000 किलोग्राम वजन का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा तक ले जाने में सक्षम है.

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