
इजरायली नौसेना ने बुधवार शाम को भूमध्य सागर में गाजा पट्टी के लिए रवाना हुए एक बड़े पैमाने के मानवीय सहायता फ्लोटिला को अंतरराष्ट्रीय जल में ही रोक लिया। इस कार्रवाई में स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग सहित सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि “ग्रेटा और उसके दोस्त सुरक्षित और स्वस्थ हैं” तथा उन्हें इजरायली बंदरगाह पर ले जाया जा रहा है।
ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला नामक इस अभियान में लगभग 45-50 नौकाओं पर 500 से अधिक कार्यकर्ता सवार थे, जो स्पेन से 1 सितंबर को रवाना हुए थे। फ्लोटिला का उद्देश्य इजरायल की 18 वर्ष पुरानी गाजा नौसैनिक नाकाबंदी को तोड़ना और भोजन, पानी, दवाइयां तथा अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाना था। कार्यकर्ताओं के अनुसार, नौकाएं गाजा के तट से करीब 70-80 समुद्री मील (लगभग 130 किलोमीटर) दूर थीं जब इजरायली नौसेना ने उन्हें घेर लिया।
फ्लोटिला के आयोजकों ने टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर कहा, “अल्मा, सिरियस और अदारा जैसी कई नौकाओं को इजरायली सेना ने अवैध रूप से रोका और चढ़कर कब्जा कर लिया। फ्लोरिडा नामक नौका को जानबूझकर समुद्र में टक्कर मार दी गई, जबकि अन्य पर पानी की बौछारें दागी गईं।”
ग्रेटा थनबर्ग ‘अल्मा’ नौका पर सवार थीं, जिसे सबसे पहले रोका गया। इजरायली विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें थनबर्ग को सैनिकों के बीच फर्श पर बैठे हुए दिखाया गया है। मंत्रालय ने कहा, “इजरायली नौसेना ने फ्लोटिला को सुरक्षित रूप से रोका है और यात्रियों को अश्केलोन बंदरगाह की ओर ले जाया जा रहा है।”
यह घटना गाजा में चल रहे मानवीय संकट के बीच हुई है, जहां संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां भुखमरी और कुपोषण की चेतावनी दे रही हैं। इजरायल ने फ्लोटिला को चेतावनी दी थी कि यदि कार्यकर्ता वास्तव में सहायता पहुंचाना चाहते हैं तो अश्केलोन बंदरगाह पर रुककर सामग्री उतार दें, जहां से वह जांच के बाद गाजा पहुंचाई जाएगी। इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने कहा कि नाकाबंदी अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप है और अनधिकृत प्रयास खतरनाक तथा गैरकानूनी हैं।