क्या सेहत के लिए खतरनाक है इंटरमिटेंट फास्टिंग? लिवर के सबसे बड़े डॉक्टर एसके सरीन से जान लीजिएˎ “ ‧‧ .

इंटरमिटेंट फास्टिंग का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. कई लोग वेट लॉस के लिए इस फास्टिंग को अपना रहे हैं, तो कुछ लोग फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए यह तरीका अपना रहे हैं.

क्या सेहत के लिए खतरनाक है इंटरमिटेंट फास्टिंग? लिवर के सबसे बड़े डॉक्टर एसके सरीन से जान लीजिएˎ “ ‧‧ .

सभी को लगता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है और इससे शरीर पर जमी चर्बी को कम करने में मदद मिल सकती है. यही वजह है कि लोग तेजी से इस ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं. हालांकि तमाम एक्सपर्ट्स फास्टिंग के इस तरीके को शरीर के लिए लाभकारी नहीं मानते हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर लिवर के सबसे बड़े डॉक्टर एसके सरीन की राय जान लीजिए.

एक मशहूर यूट्यूब चैनल को दिए गए इंटरव्यू में लिवर स्पेशलिस्ट डॉ. एसके सरीन ने बताया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कोई जीवन की शैली नहीं है और यह शॉर्ट टर्म के लिए ठीक हो सकती है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है. हमारी सेहत के लिए टाइम रेस्ट्रिक्टेड ईटिंग फायदेमंद होती है. हमारे देश में प्राचीन काल से ही सूर्यास्त से पहले खाना खाने की परंपरा रही है और लोग इसके बाद खाना नहीं खाते थे. अगले दिन सूर्योदय के बाद खाना खाया जाता था. यह एक तरह की टाइम रेस्ट्रिक्टेड ईटिंग फायदेमंद थी, जो हमारे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक से मैच करती है. यह शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है.

डॉक्टर सरीन का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग में कई लोग 72 घंटों तक फास्टिंग करते हैं और कुछ नहीं खाते-पीते हैं. इससे हमारे हार्ट पर दबाव बढ़ सकता है और हार्ट अटैक व अन्य हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग को वेट लॉस का भी अच्छा तरीका नहीं माना जा सकता है, क्योंकि वेट लॉस के कई अन्य हेल्दी तरीके हैं, जो लोगों को अपनाने चाहिए. इंटरमिटेंट फास्टिंग के बजाय लोगों को सप्ताह में एक दिन फास्टिंग कर लेनी चाहिए. लंबी उम्र जीने के लिए सप्ताह में एक दिन फास्ट जरूर करना चाहिए. इससे सेहत में सुधार हो सकता है.

अब सवाल है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या होती है? इंटरमिटेंट फास्टिंग एक तरह का ईटिंग प्लान होता है, जिसमें लोग एक फिक्स टाइम पर खाना-पीना करते हैं और बाकी टाइम फास्टिंग की जाती है. इंटरमिटेंट फास्टिंग में खाने का एक पैटर्न बनाया जाता है, जिसमें सबसे प्रचलित 16:8 पैटर्न है. इस पैटर्न में लोग दिन में 8 घंटों के दौरान खाना और अन्य फूड्स खाते हैं, जबकि बाकी 16 घंटों में सिर्फ पानी पीकर फास्टिंग करनी होती है. कई लोग अल्टरनेट डे पर फास्टिंग करते हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग कई तरह की होती है और कई बार लोग 72 घंटों तक लगातार फास्टिंग करते हैं. कई स्टडी में इस फास्टिंग के फायदेमंद होने का दावा किया जाता है, लेकिन एक्सपर्ट इसे शरीर के लिए सही नहीं मानते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *