अंतरिक्ष में डॉक करने वाला चौथा देश होगा भारत, इसरो ने लॉन्च किया स्पैडेक्स‧ ˒

अंतरिक्ष में डॉक करने वाला चौथा देश होगा भारत, इसरो ने लॉन्च किया स्पैडेक्स‧ ˒
India will be the fourth country to dock in space, ISRO launched Spadex

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (स्पैडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, साथ ही लॉन्च वाहन में 24 प्रयोग भी किए गए. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 220 किलोग्राम वजनी दो उपग्रहों के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) को सफलता से लॉन्च किया गया. इससे पहले, पृथ्वी के ऊपर एक ही कक्षा में अन्य उपग्रहों से टकराव से बचने के लिए प्रक्षेपण में केवल दो मिनट की देरी की गई थी. इसरो ने स्पेस की कक्षा में अंतरिक्ष यान की ‘डॉकिंग’ और ‘अनडॉकिंग’ का प्रदर्शन करने के लिए श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से दो उपग्रहों को सफलता से प्रक्षेपित किया.

इस प्रदर्शन में कामयाबी के साथ ही भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. दोनों अंतरिक्ष यान अब अगले 10 दिनों में संभवतः 7 जनवरी को अंतरिक्ष में डॉकिंग करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. SpaDeX का मकसद उन्नत इन-स्पेस डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करना है. जो भविष्य के मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता है. जिसमें चंद्र अभियान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) शामिल हैं. दो अंतरिक्ष यान- SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट) को उनके बीच एक छोटे सापेक्ष वेग के साथ निचली पृथ्वी की कक्षा में तैनात किया गया है.

इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) द्वारा प्रबंधित, शुरुआत में, वे लगभग 10-15 किलोमीटर की दूरी तक अलग हो जाएंगे. एक बार जब यह दूरी पहुंच जाती है, तो बहाव को रोक दिया जाएगा, और ऑनबोर्ड सिस्टम पूरी तरह से जांच से गुजरेंगे. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘यह मिशन अंतरिक्ष डॉकिंग में महारत हासिल करने में सक्षम देशों की विशेष श्रेणी में भारत के प्रवेश को रेखांकित करेगा.’

स्पैडऐक्स मिशन अंतरिक्ष शोध में भारत के भविष्य के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होने की उम्मीद है. जिसमें पृथ्वी पर चंद्रमा से चट्टानें और मिट्टी लाना, प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यात्री को उतारना शामिल है. अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल की है. इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि ‘स्पैडऐक्स मिशन का प्राथमिक उद्देश्य दो छोटे अंतरिक्ष यानों (एसडीएक्स-एक, जो कि चेजर है, और एसडीएक्स-दो, जो कि लक्ष्य है) के पृथ्वी की निचली वृत्ताकार कक्षा में संयोजन ‘डॉकिंग’ और ‘अनडॉकिंग’ के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी का विकास और प्रदर्शन करना है.’

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