
India-Brazil Maitri 2.0 लॉन्च
नई दिल्ली में सोमवार को एक खास कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम में भारत और ब्राज़ील ने मिलकर एक नई शुरुआत की है. नाम है मैत्री 2.0. ये एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसके ज़रिए दोनों देश खेती-बाड़ी से जुड़ी नई तकनीकें और आइडिए आपस में साझा करेंगे. इसका मकसद है किसानों की ज़िंदगी आसान बनाना और खेती को आगे ले जाना. कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने किया. इसमें ICAR के मुखिया डॉ. एम. एल. जात और भारत में ब्राज़ील के राजदूत श्री केनेथ नोब्रिगा भी शामिल हुए.
भारत-ब्राज़ील की दोस्ती अब खेतों तक पहुंची
डॉ. जात ने बताया कि भारत और ब्राज़ील के रिश्ते 77 साल पुराने हैं. दोनों देश बड़े मंचों जैसे BRICS और G20 में साथ काम करते हैं. हाल ही में भारत की ICAR और ब्राज़ील की बड़ी कृषि संस्था EMBRAPA के बीच एक समझौता भी हुआ है.
उन्होंने कहा कि भारत में खेती से जुड़ी रिसर्च में जबरदस्त तरक्की हुई है. पहले ICAR के पास सिर्फ 74 पेटेंट होते थे, अब ये हर साल 1800 से ज़्यादा हो गए हैं. मतलब खेती के नए तरीके, बीज, मशीनें और टेक्नोलॉजी पर लगातार काम हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ICAR ने 5000 से ज़्यादा लाइसेंस समझौते किए हैं, ताकि इन रिसर्च का फायदा आम किसानों तक पहुंच सके. डॉ. जात ने कहा, खेती में अब केवल उगाना नहीं, बल्कि सोचना और नया करना भी ज़रूरी है. इस कार्यक्रम से भारत और ब्राज़ील मिलकर सीखेंगे, एक-दूसरे की मदद करेंगे.
ब्राज़ील ने की भारत की तारीफ़
ब्राज़ील के राजदूत श्री नोब्रिगा ने कहा कि ये कार्यक्रम हमारे देशों के भविष्य की सोच को एक दिशा देता है. उन्होंने कहा कि भारत और ब्राज़ील, दोनों देश खेती, तकनीक और पोषण सुरक्षा के मामले में मिलकर आगे बढ़ना चाहते हैं.
राजदूत ने कहा, मैत्री 2.0 से दोनों देशों के स्टार्टअप्स और रिसर्च संस्थानों को जोड़ने का मौका मिलेगा. इससे किसान मजबूत होंगे और खेती की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटा जा सकेगा.
युवा किसानों के लिए खुलेंगे नए रास्ते
इस कार्यक्रम में ICAR-IARI के निदेशक डॉ. श्रीनिवास राव ने बताया कि उनके संस्थान ने अब तक 400 से ज़्यादा एग्री-स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया है. ये वे नौजवान हैं जो खेती से जुड़े नए आइडिए पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, अब खेती सिर्फ गुज़ारा चलाने का काम नहीं रही, अब इसे एक बिज़नेस की तरह समझना होगा. ICAR की एक और अधिकारी डॉ. नीरू भूषण ने कहा कि भारत और ब्राज़ील दोनों के सामने आज जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ खेती जैसे मुद्दे हैं. इनका हल आपसी सहयोग से ही निकल सकता है. कार्यक्रम के अंत में ICAR-IARI के अधिकारी डॉ. विश्वनाथन श्रीनिवासन ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि ये कार्यक्रम भारत-ब्राज़ील के रिश्तों को और गहरा करेगा.
मैत्री 2.0 से क्या होगा फायदा?
मैत्री 2.0 के ज़रिए भारत और ब्राज़ील के स्टार्टअप्स, रिसर्च सेंटर और वैज्ञानिक एक साथ मिलकर काम करेंगे. इससे नई तकनीकें साझा होंगी, खेती के नए तरीकों पर प्रयोग होगा और दोनों देशों के किसान एक-दूसरे से सीख सकेंगे. इस प्रोग्राम से डिजिटल खेती, टिकाऊ खेती और फसल के बाद की प्रक्रिया (जैसे स्टोरेज, पैकेजिंग और मार्केटिंग) को बेहतर करने पर ज़ोर रहेगा.