
विराट कोहली को सिर्फ 46 रन की जरूरत है.Image Credit source: PTI
एक शतक, एक अर्धशतक और टीम इंडिया को दो बार चेज करते हुए जीत दिलाई. चैंपियंस ट्रॉफी में अभी तक विराट कोहली का प्रदर्शन कुछ ऐसा ही रहा है. कोहली के पुराने अंदाज ने फैंस को खुश तो किया ही है और साथ ही ये भी उम्मीद जगाई है कि वो अगले कुछ साल और खेल पाएंगे. मगर सच ये भी है कि अब धीरे-धीरे कोहली के लिए मौके भी कम होते जाएंगे और ऐसा ही एक मौका उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में मिलने जा रहा है, जहां उनके पास इस टूर्नामेंट में एक और बड़ा रिकॉर्ड बनाने का आखिरी मौका है.
रविवार 9 मार्च को भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला जाएगा. दोनों टीमों के बीच इस टूर्नामेंट में पहले ही एक मुकाबला खेला जा चुका है, जिसे टीम इंडिया ने जीता था. एक बार फिर भारतीय टीम इसी इरादे से उतरेगी ताकि खिताब उसकी झोली में आ जाए. उस मैच में हालांकि विराट जल्दी आउट हो गए थे. ऐसे में वो इस फाइनल में न्यूजीलैंड से पिछला हिसाब बराबर करने उतरेंगे.
नंबर-1 बल्लेबाज बनने के करीब विराट
वैसे तो विराट कोहली की पहली ख्वाहिश टीम इंडिया को चैंपियन बनता देखने की ही होगी लेकिन उनकी एक इच्छा ये भी होगी कि इस सफलता में वो अपना योगदान दे सकें. फाइनल में अगर वो एक दमदार पारी खेलते हैं तो इसका फायदा टीम इंडिया को मिलना तय है लेकिन साथ ही ये विराट के लिए भी बेहद खास होगा क्योंकि वो चैंपियंस ट्रॉफी के सबसे सफल बल्लेबाज भी बन सकते हैं.
असल में विराट कोहली इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं. कोहली ने मौजूदा टूर्नामेंट में 217 रन बना लिए हैं, जिसके दम पर चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में उनके कुल 746 रन हो गए हैं. उनसे आगे अब सिर्फ क्रिस गेल हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा 791 रन बनाए थे. ऐसे में अगर विराट फाइनल में 46 रन और बनाते हैं तो वो गेल का ये रिकॉर्ड तोड़कर नंबर-1 बल्लेबाज बन जाएंगे.
कोहली के पास फाइनल में आखिरी मौका
विराट की मौजूदा फॉर्म देखकर ऐसा होने की उम्मीद तो नजर आती है. मगर उनके पास इस रिकॉर्ड को अपने नाम करने का भी ये आखिरी मौका है. अगर वो इस बार चूकते हैं तो उन्हें अगला मौका नहीं मिल पाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि अगली चैंपियंस ट्रॉफी 4 साल बाद 2029 में भारत में खेली जाएगी. वैसे ही कोहली का करियर सवालों के घेरे में है, जिससे ये तो साफ है कि 4 साल बाद तो उनकी वापसी नहीं होगी. ऐसे में कोहली टीम इंडिया को चैंपियन बनाने के साथ ही इस रिकॉर्ड को भी अपने नाम करना चाहेंगे.