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नई दिल्ली। डायबिटीज और हार्ट हेल्थ के बीच गहरा कनेक्शन (Heart Disease Risk In Diabetics) है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। जब ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, तो इसका असर सिर्फ ग्लूकोज तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि यह दिल की फंक्शनिंग को भी प्रभावित करता है। इसके कारण हार्ट डिजीज का जोखिम भी काफी बढ़ जाता है।
डायबिटीज के मरीज किस तरह अपनी हार्ट हेल्थ का ख्याल (Heart Attack Prevention Tips) रख सकते हैं, इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. रजनीश मल्होत्रा (मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली के वाइस चेयरमैन और हेड – कार्डियक सर्जरी) से बात की। आइए जानें उन्होंने क्या बताया (Heart Health Tips For Diabetics)।
डायबिटीज के कारण हार्ट डिजीज का रिस्क
डायबिटीज के मरीजों में हार्ट डिजीज विकसित होने का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में दोगुना होता है। हाई ब्लड शुगर लेवल ब्लड वेसल्स और हार्ट फंक्शन को कंट्रोल करने वाली नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर डायबिटीज को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जाए, तो यह हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल और हाई ट्राइग्लिसराइड्स जैसे हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स को बढ़ा सकता है।
डायबिटीज के मरीज कैसे रखें दिल का ख्याल?
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए जो कदम उठाए जाते हैं, वे हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। यहां 5 आसान उपाय दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर डायबिटीज के मरीज अपनी हार्ट हेल्थ का ख्याल रख सकते हैं।
दिल के लिए स्वस्थ डाइट लें
सेटुरेटेड और ट्रांस फैट से बचें, क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकते हैं। सेचुरेटेड फैट मक्खन, रेड मीट और फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है, जबकि ट्रांस फैट प्रोसेस्ड और तले हुए फूड आइटम्स में मौजूद होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर डाइट हार्ट डिजीज से बचाव में मददगार होते हैं। साथ ही, खाने की मात्रा पर कंट्रोल रखकर ग्लूकोज के लेवल को स्थिर किया जा सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
नियमित एक्सरसाइज करें
मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसे रिस्क फैक्टर्स को कम करने के लिए नियमित एक्सरसाइज जरूरी है। एक्सरसाइज से डायबिटीज को भी बेहतर ढंग से कंट्रोल किया जा सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए रोज कम से कम 150 मिनट की मीडियम इंटेंसिटी वाली फिजिकल एक्टिविटी, जैसे ब्रिस्क वॉकिंग या साइकिलिंग जरूरी है।
ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच
कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग जैसे डिवाइस की मदद से ब्लड शुगर लेवल को रियल-टाइम में ट्रैक किया जा सकता है। यह डिवाइज ग्लूकोज रेंज (70 – 180 mg/dl) को कंट्रोल करने में मदद करता है। साथ ही, ये डिवाइस डॉक्टर से जुड़े रहने में भी मददगार होते हैं।
स्मोकिंग और शराब से दूर रहें
स्मोकिंग ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है और डायबिटीज के कारण आर्टरीज के कॉन्स्ट्रिक्शन को तेज करता है। इसके अलावा, शराब न पिएं, क्योंकि यह डायबिटीज की दवाओं के असर को कम कर सकता है और ब्लड शुगर लेवल को भी प्रभावित करता है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट
तनाव के दौरान शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स का लेवल बढ़ जाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन रेजिस्टिविटी बढ़ सकती है। लंबे समय तक स्ट्रेस रहने से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। तनाव कम करने के लिए म्युजिक सुनना, योग, डांस या अपने परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताने जैसी एक्टिविटीज कारगर साबित हो सकती हैं।