हापुड़ में बिल्डर के साथ हैवानियत! 2 घंटे तक टॉर्चर, प्राइवेट पार्ट पर मारे डंडे, शरीर पर किया पेशाब पुलिस ने 5 दिन तक नहीं दर्ज किया केस

हापुड़, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के हापुड़ से एक बेहद चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक बिल्डर पवन कुमार को बंधक बनाकर दो घंटे तक अमानवीय यातनाएं दी गईं। सात से ज़्यादा लोगों ने बिल्डर को कमरे में कुर्सी से बांधा, तमंचा कनपटी पर रखकर बुरी तरह पिटाई की, और इससे भी बढ़कर हैवानियत करते हुए उन पर पेशाब किया और प्राइवेट पार्ट पर डंडे मारे। यह पूरा मामला हापुड़ मार्ग स्थित मोदीपोन कॉलोनी का है।

हापुड़ में बिल्डर के साथ हैवानियत! 2 घंटे तक टॉर्चर, प्राइवेट पार्ट पर मारे डंडे, शरीर पर किया पेशाब पुलिस ने 5 दिन तक नहीं दर्ज किया केस

चोरी का आरोप और साजिश का जाल

पीड़ित बिल्डर नगर की सुभाष विहार कॉलोनी के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि उनके ऑफिस से 10 दिन पहले एक लाख रुपये की नकदी और पांच लाख रुपये के गहने चोरी हो गए थे। बिल्डर ने इस चोरी का आरोप अपने एक कर्मचारी पर लगाया था और इसकी तहरीर कस्बा चौकी में दी थी, लेकिन पुलिस जांच के नाम पर टालमटोल करती रही। इसी बीच, आरोपी कर्मचारी गायब हो गया।

बिल्डर के अनुसार, 27 जुलाई को उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले शख्स ने खुद को कर्मचारी का दोस्त बताया और चोरी के खुलासे में सहायता करने की बात कहकर बिल्डर को मोदीपोन कॉलोनी बुलाया।


बंधक बनाकर 2 घंटे तक बेरहमी से टॉर्चर, वीडियो भी बनाया

पीड़ित बिल्डर का आरोप है कि मोदीपोन कॉलोनी स्थित मकान में तमंचे के बल पर उन्हें सात से ज़्यादा आरोपियों ने बंधक बना लिया। फिर कुर्सी से बांधकर दो घंटे तक डंडों और बेल्ट से उनकी बेरहमी से पिटाई की गई। बिल्डर ने आरोपियों पर उन पर पेशाब करने और उनके प्राइवेट पार्ट पर वार करने का भी गंभीर आरोप लगाया है। हैवानियत की हद तो यह थी कि आरोपियों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया।


पुलिस पर गंभीर आरोप: 5 दिन बाद भी नहीं दर्ज हुआ मामला

घटना के बाद पीड़ित बिल्डर ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। चौंकाने वाली बात यह है कि घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। पुलिस ने पीड़ित को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा।

बिल्डर ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इतने गंभीर मामले में भी FIR दर्ज नहीं की गई। वहीं, एसीपी मोदीनगर का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया था, लेकिन अब इस पर मामला दर्ज कर ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ितों को न्याय मिलना ज़रूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *