
आरबीआई का ऐलान
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को बैंकिंग सेक्टर में लोगों के लिए लोन की सुविधा बेहतर करने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. इनमें सबसे खास है कि अब शेयरों के बदले मिलने वाले लोन की सीमा को 5 गुना बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है. साथ ही, लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज पर लोन की नियामक सीमा को भी हटा दिया गया है.
RBI ने शेयरों और सिक्योरिटीज पर लोन देने के नियमों को और आसान करने का प्रस्ताव रखा है. मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए गवर्नर ने बताया कि शेयरों के खिलाफ लोन की लिमिट 20 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये और IPO फाइनेंसिंग के लिए 10 लाख से 25 लाख रुपये प्रति व्यक्ति करने का प्लान है. गवर्नर ने कहा कि ये फैसला लोन के प्रवाह को बेहतर करने के लिए उठाए गए 5 बड़े कदमों में से एक है. इसके अलावा, बैंकिंग सेक्टर को और मजबूत करने, लोन आसानी से उपलब्ध कराने, बिजनेस करने में सुविधा बढ़ाने, विदेशी मुद्रा प्रबंधन को सरल करने, ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने और भारतीय रुपये को ग्लोबली मजबूत करने के लिए 22 और उपायों का ऐलान किया गया.
उन्होंने कहा कि ये कदम हमारे नियमों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ जोड़ने और बैंकों व वित्तीय संस्थानों की पूंजी को और मजबूत करने में मदद करेंगे. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर (रेपो रेट) को 5.5% पर ही रखा है. अमेरिकी टैरिफ और ग्लोबल टेंशन की वजह से RBI ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से तटस्थ रुख के साथ रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि GST दरों को और बेहतर करने से उपभोक्ता खर्च और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन टैरिफ से जुड़े बदलाव 2025-26 की दूसरी छमाही में आर्थिक विकास को धीमा कर सकते हैं.
RBI ने फरवरी 2025 से रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है. फरवरी से जून 2025 तक तीन बार रेट कट हुए 25 बेसिस पॉइंट, 25 बेसिस पॉइंट और जून में 50 बेसिस पॉइंट. RBI का लक्ष्य है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 4% पर रहे, जिसमें 2% का मार्जिन हो. अच्छी खबर ये है कि फरवरी से मुद्रास्फीति 4% से नीचे रही है और अगस्त में ये 6 साल के सबसे निचले स्तर 2.07% पर पहुंच गई.