3 महीने में 200 मर्दों ने…14”!!` साल की पीड़िता ने पुलिस के सामने बयां किया जिस्मफरोशी का दर्द, बांग्लादेश से लाई गई थी भारत

3 महीने में 200 मर्दों ने…14”!!` साल की पीड़िता ने पुलिस के सामने बयां किया जिस्मफरोशी का दर्द, बांग्लादेश से लाई गई थी भारत

महाराष्ट्र के पालघर जिले के नायगांव में एक नाबालिग बांग्लादेशी लड़की को देह व्यापार के गिरोह से बचाया गया है, जिसने पुलिस और मानवाधिकार संगठनों को हिला कर रख दिया है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसे तीन महीने के दौरान कम से कम 200 पुरुषों ने यौन शोषण का शिकार बनाया। यह मामला मानव तस्करी और नाबालिगों के यौन शोषण की भयावह सच्चाई को उजागर करता है।

छापेमारी और बचाव अभियान

26 जुलाई को मिरा-भाईंदर वसई-विरार पुलिस की मानव तस्करी रोधी इकाई (AHTU) ने गैर सरकारी संगठनों ‘एक्सोडस रोड इंडिया फाउंडेशन’ और ‘हार्मनी फाउंडेशन’ के साथ मिलकर नायगांव स्थित एक फ्लैट पर छापेमारी की। इस अभियान में नाबालिग लड़की को बचाया गया और अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य आरोपी मोहम्मद खालिद अब्दुल बापारी, एजेंट जुबेर हारुन शेख और शमीम गफ्फार सरदार शामिल हैं।

घर से भागी और तस्करों के चंगुल में फंसी

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नाबालिग लड़की ने सुधार केंद्र में दिए अपने बयान में बताया कि उसे पहले गुजरात के नाडियाड में तस्करी कर लाया गया, जहां उसके साथ यौन शोषण किया गया। हार्मनी फाउंडेशन के अध्यक्ष अब्राहम मथाई ने बताया कि लड़की स्कूल में एक विषय में फेल हो गई थी, जिसके बाद वह घर से भाग गई थी। इसके बाद, एक परिचित महिला ने उसे अवैध रूप से भारत में दाखिल होने में मदद की और फिर उसे देह व्यापार में धकेल दिया।

आरोपियों की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 33 और 32 वर्ष की दो महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर नाबालिग को बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने में मदद की थी। अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों ने नाबालिग लड़की को बेहोश करने वाली दवाइयां भी दीं और उसे देह व्यापार में धकेलने के लिए गर्म चम्मच से दागा। पुलिस के अनुसार, नायगांव में 26 जुलाई को पर्दाफाश किए गए देह व्यापार गिरोह की पीड़ितों को कथित तौर पर महाराष्ट्र के नवी मुंबई, पुणे, गुजरात, कर्नाटक और देश के अन्य स्थानों पर तस्करी कर ले जाया गया था। यह गिरोह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय था और बांग्लादेश से भारत में नाबालिग लड़कियों की तस्करी करता था।

पुलिस की कार्रवाई 

एमबीवीवी पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक ने कहा कि पुलिस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने और असुरक्षित महसूस करने वाले किशोरों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि किशोरी के आरोपों की पुष्टि की जा रही है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (IPC), अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम (Immoral Traffic (Prevention) Act), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है

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