वृंदावन के आध्यात्मिक संत प्रेमानंद महाराज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े अभिनेता, नेता और खिलाड़ी तक उनके दर्शनों के लिए उत्सुक रहते हैं। उनसे मिलने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है, और लोग उनकी एक झलक पाने के लिए काफ़ी मशक्कत करते हैं। अगर आप भी प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा।

प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात के लिए जानें ये 5 ज़रूरी बातें:
- सुबह जल्दी पहुँचें: अगर आप प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन करना चाहते हैं, तो रात करीब 2:30 बजे उनके आश्रम, वृंदावन के श्री राधाकेली कुंज के पास, इंतज़ार कर सकते हैं। प्रेमानंद महाराज हर सुबह अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। महाराज अपने आश्रम से सुबह करीब 9:30 बजे राधा केलीकुंज के लिए निकलते हैं और रास्ते में श्रद्धालुओं को दर्शन देते हुए निजी कार से राधा केलीकुंज पहुँचते हैं।
- टोकन लेना अनिवार्य: महाराज जी के दर्शन सबसे पहले टोकन द्वारा होते हैं। टोकन पर नंबर डले होते हैं, और जिस भक्त का नंबर अंकित होता है, उसी भक्त को दर्शन के लिए सत्संग भवन में बुलाया जाता है। बिना किसी टोकन के किसी भी भक्त को प्रेमानंद महाराज से मिलने की अनुमति नहीं है।
- दो दिन का इंतज़ार संभव: राधा केलीकुंज में महाराज जी से मिलने के लिए आने वाले भक्तों को एक-दो दिन का इंतज़ार भी करना पड़ सकता है। जिस सत्संग हॉल में प्रेमानंद महाराज लोगों से मिलते हैं, उस हॉल में एक बार में करीब 15 भक्त ही उनके दर्शन कर सकते हैं।
- मोबाइल फ़ोन जमा करना होगा: महाराज जी से मिलने से पहले आपको अपने मोबाइल फ़ोन को आश्रम में काउंटर पर जमा करवाना होगा। मोबाइल जमा करने के बाद आपको एक नंबर दिया जाएगा। महाराज जी से मिलने के बाद आप उस टोकन को दिखाकर अपना मोबाइल प्राप्त कर सकते हैं। प्रेमानंद महाराज के सत्संग श्रवण के साथ ही उनके दर्शन के लिए आपको दो दिन का समय लग सकता है।
- आधार कार्ड आवश्यक: प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए आपके पास आधार कार्ड होना भी ज़रूरी है। बिना आधार के आपको टोकन लेने में भी समस्या हो सकती है। अगर आप अकेले में बातचीत (वार्ता मुलाकात) करना चाहते हैं, तो आपको अगले दिन सुबह 6:30 बजे आश्रम जाना होगा। इसके बाद आप करीब एक घंटे तक आश्रम में महाराज से बात और सवाल कर सकते हैं। उसी दिन शाम 7:30 बजे आपको टोकन भी मिल सकता है, जिससे आप महाराज के दर्शन कर सकते हैं।
प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन अपने आवास से राधाकेली आश्रम तक पैदल ही आते हैं, और हर रोज़ हज़ारों की संख्या में भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं। इन नियमों का पालन कर आप भी उनके दर्शन कर सकते हैं।
क्या आप भी प्रेमानंद महाराज के दर्शनों के लिए वृंदावन जाने की योजना बना रहे हैं?