कुत्ता काट ले तो जल्दी 20 मिनट तक करते रहें ये काम, 99% कम हो जाता है इन्फेक्शन का खतरा, ये 8 दिन होते हैं बहुत विशेष !

कुत्ते को इंसान का सबसे वफ़ादार दोस्त माना जाता है, लेकिन अब शहरों की गलियों में आवारा कुत्तों के झुंड दहशत का दूसरा नाम बनते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट को भी इस पर संज्ञान लेना पड़ा है और इसे “बेहद चिंताजनक और डराने वाला” बताया है। देशभर में कुत्तों के काटने के 37 लाख से ज़्यादा मामले रजिस्टर्ड हैं, और सबसे बड़ी चिंता रेबीज़ का खतरा है। एक बार अगर रेबीज़ हो गया, तो बचना मुश्किल हो जाता है, खासकर बच्चों के लिए, जिनकी कम हाइट की वजह से अक्सर हमले के दौरान चोटें चेहरे या सिर के करीब आती हैं, जिससे इन्फेक्शन तेज़ी से ब्रेन तक पहुँच सकता है।

कुत्ता काट ले तो जल्दी 20 मिनट तक करते रहें ये काम, 99% कम हो जाता है इन्फेक्शन का खतरा, ये 8 दिन होते हैं बहुत विशेष  !

कुत्ता काटने के तुरंत बाद क्या करें?

अगर किसी को कुत्ता काट ले तो घबराने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि समय पर इलाज और कुछ सावधानी बरतने की ज़रूरत है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि 99% इन्फेक्शन का खतरा घाव को अच्छी तरह धोने से ही टल जाता है।

  • 15-20 मिनट तक धोएं: कुत्ता काटने के तुरंत बाद, घाव को कम से कम 15-20 मिनट तक बहते पानी (रनिंग वॉटर) में अच्छी तरह धोना बहुत ज़रूरी है। यह इन्फेक्शन को फैलने से रोकने का सबसे पहला और प्रभावी तरीका है।
  • एंटीसेप्टिक लगाएं: घाव को धोने के बाद उस पर कोई भी एंटीसेप्टिक जैसे पोटाश या डेटॉल लगाएं।

कितने इंजेक्शन लगते हैं और कौन से 8 दिन हैं अहम?

डॉक्टर्स के मुताबिक, कुत्ते के काटने के बाद शुरुआती आठ दिन बहुत अहम होते हैं। इसलिए:

  • पहली डोज तुरंत लें: जिस दिन कुत्ते ने काटा हो, उसी दिन एंटी-रेबीज़ वैक्सीन (ARV) की पहली डोज ले लेनी चाहिए। इसमें लापरवाही बरतना जान पर भारी पड़ सकता है।
  • इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन: अगर कुत्ते ने गहरा घाव दिया है, तो डॉक्टर से इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन भी लगवाना चाहिए। यह रेबीज़ के वायरस को शरीर में फैलने से रोकने में मदद करता है।

याद रखें, समय पर सावधानी और सही इलाज ही रेबीज़ जैसे जानलेवा इन्फेक्शन से बचाव का एकमात्र रास्ता है। अपने आस-पास के लोगों और बच्चों को इस बारे में जागरूक करें।

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