
रोहिणी आचार्य.
राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को लेकर लालू परिवार में कलह बढ़ती जा रही है. पहले लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव और उनके करीबी सांसद संजय यादव पर निशाना साधा था. उसके बाद संजय यादव की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजद में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. इसे लेकर लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने सवाल उठाया है.
शुक्रवार को रोहिणी आचार्य ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा मैंने एक बेटी और बहन होने के नाते अपना कर्तव्य और धर्म निभाया है, और आगे भी निभाती रहूंगी. मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न ही मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है. मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है.
मैंने एक बेटी व् बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूँगी , मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है ,मेरे लिए मेरा आत्म – सम्मान सर्वोपरि है 🙏
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) September 19, 2025
उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी जान हथेली पर लेकर, बड़े से बड़ा त्याग करने का जज्बा रखते हैं, उनके खून में निडरता – निर्भीकता – आत्म-सम्मान बहता है…
संजय यादव को लेकर लालू परिवार में घमासान
इससे पहले सारण से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने वाली रोहिणी आचार्य ने पोस्ट शेयर की थी, जिसमें लिखा था, “आगे की सीट हमेशा शीर्ष नेताओं के लिए आरक्षित होती है, और उनकी अनुपस्थिति में किसी को भी वहां नहीं बैठना चाहिए. हालांकि, अगर कोई खुद को शीर्ष नेतृत्व से ऊपर समझता है, तो यह अलग बात है.”
वंचितों व् समाज के आखिरी पायदान पर खड़े वर्ग – समूह को आगे लाना ही राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू यादव जी के सामजिक – आर्थिक न्याय के अभियान का मूल मकसद रहा है, इन तस्वीरों में समाज के इन्हीं तबके से आने वालों को आगे बैठे देखना सुखद अनुभूति है 🙏 pic.twitter.com/vL3Bm2c1XB
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) September 18, 2025
रोहिणी आचार्य के बयान से लालू परिवार की कलह खुलकर सामने आ गई थी. तेजस्वी की अनुपस्थिति में उनके विशेष रूप से डिजाइन किए गए रथ की अगली सीट पर संजय यादव को दिखाते हुए तस्वीर ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार में बेचैनी बढ़ गई है. परंपरागत रूप से आगे की सीट अधिकार का प्रतीक माना जाता है और यह सीट परिवार के साथ जुड़ी हुई है.
तेज प्रताप के बाद अब रोहिणी की बगावत
विश्लेषकों का कहना है कि यह संजय यादव को लेकर परिवार के भीतर तनाव को उजागर करने के लिए पर्याप्त था, जिन्हें पिछले साल राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था. यह पहली बार नहीं था जब उन पर आलोचना की गई हो.
इससे पहले, तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव, जिन्हें बाद में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, ने हरियाणा में जन्मे उनके सहयोगी संजय यादव पर बार-बार निशाना साधा था. हालांकि, राज्य राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने इस बात से इनकार किया कि इस मामले को लेकर पार्टी में कोई विवाद है.