
इडली खाने से कैंसर
अगर आप बेंगलुरु में रहते हैं और इडली सांवर खाने के शौकीन हैं तो सतर्क हो जाइए. फूड सेफ्टी विभाग की जांच में इडली को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पाया गया है कि इडली खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा हो सकता है. खाद्य विभाग के अनुसार, बेंगलुरु के कई इलाकों में इडली तैयार करने के लिए पारंपरिक सूती कपड़े की जगह अब प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा इनमें हानिकारक केमिकल और सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल किया गया था. इससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का जोखिम बढ़ सकता है.
दरअसल, आज प्लास्टिक हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है. प्लास्टिक के यूज किए बिना हम कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. यह प्लास्टिक इतना खतरनाक होता है कि धीरे-धीरे सेहत को अंदर से खोखला कर रहा है. बेंगलुरु में खाद्य विभाग की जांच में यह सामने आया कि इडली पकाने के लिए पहले सूती कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब धड़ल्ले से इसकी जगह प्लास्टिक यूज किया जा रहा है.
यहां तक कि पहले यह ठोंगा यानी कागज के टुकड़े में पैक करके दिया जाता था. लेकिन अब इसे प्लास्टिक की थैली में दिया जा रहा है. प्लास्टिक की थैली गर्म चीज रखते ही वह जहरीला केमिकल छोड़ने लगता है और लोग यह जाने बगैर प्लास्टिक की थैली से निकालकर इसे खाते हैं. इससे कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारी होने की आशंका रहती है. आइए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट क्या कहते हैं.
इडली बनाने में खराब तत्वों का इस्तेमाल
जांच में यह भी सामने आया कि कुछ दुकानदार और होटलों में इडली के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला चावल और उरद दाल खराब क्वालिटी के इस्तेमाल कर रहे हैं, इसके अलावा इडली को ज्यादा सफेद और आकर्षक दिखाने के लिए उसमें ब्लीचिंग पाउडर, सिंथेटिक रंग और केमिकल्स मिलाए जा रहे थे. जो खाद्य पदार्थों में नहीं होने चाहिए. ये हानिकारक तत्व शरीर में पहुंचकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
इडली के नमूने जब्त
बेंगलुरु में हाल ही में फूड सेफ्टी विभाग ने कई इडली बनाने वाली जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान 500 से ज्यादा इडली के नमूने लिए गए. जांच में पाया गया कि इनमें से 35 से ज्यादा नमूने मानक के अनूकुल नहीं हैं.
क्या यह कैंसर का कारण बन सकता है ?
विशेषज्ञ का कहना है कि अगर किसी खाद्य पदार्थ में नियमित रूप से हानिकारक केमिकल्स का सेवन किया जाए तो यह लंबे समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. दिल्ली कैंसर अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग में डॉ रजत जैन बताते हैं कि प्लास्टिक में बनी इडली से कैंसर होने का खतरा हो सकता है, क्योंकि प्लास्टिक में कुछ केमिकल होते हैं.
उदाहरण के तौर पर अगर इसमें बिसफेनॉल ए (BPA) है तो ये कैंसर का रिस्क बढ़ा सकता है. इसी तरह अगर प्लास्टिक में फथलेट्स है तो ये भी खतरनाक है. इन केमिकल को कार्सीजेनिक माना गया है. इन रसायनिक पदार्थों के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. यह खतरा तब और बढ़ जाता है जब प्लास्टिक में इडली को रखा जाता है.
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