चीन में रहस्यमयी वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का खौफ बढ़ता ही जा रहा है. रोजाना हजारों की संख्या में लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. सांस लेना मुश्किल हो रहा है. इससे अस्पतालों में अफरातफरी है.
सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें मरीज बेड के लिए परेशान दिख रहे हैं. वहां की हालत देखकर भारत भी टेंशन में आ गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है, ताकि हर हालात से निपटा जा सके.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध चैनलों के माध्यम से चीन की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी पल-पल का अपडेट शेयर करने का अनुरोध किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों का मानना है कि भारत सांस की दिक्कतों से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. पल-पल के हालात पर नजर रखी जा रही है. देशभर में इसकी स्क्रीनिंग भी गई है. अब तक हुई निगरानी में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि चीन के हालात से घबराने की जरूरत नहीं है. भारत में इस तरह का कोई भी मामला अब तक नहीं देखा गया है. हर हालात से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं.
केरल में अभी से अलर्ट
इस बीच केरल की सरकार ने अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, चीन में जो रहस्यमय बीमारी फैल रही है, आमतौर पर सर्दियों में ही इस तरह के वायरस एक्टिव होते हैं. भले ही यह वायरस ज्यादा खतरनाक न हो, लेकिन बुजुर्ग, बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की जरूरत है. केरल इसलिए भी ज्यादा सतर्क है, क्योंकि कोरोना का पहला केस भी वहीं से आया था. निपाह वायरस हर साल केरल के लोगों की मुश्किलें बढ़ाता है. इसे देखते हुए सरकार ने बुजुर्गों, बीमार लोगों को मास्क लगाकर रहने की हिदायत दी है.
चीन में अब कैसे हालात
चीन से आई कई रिपोर्ट्स बता रहीं कि वहां अस्पतालों में भारी भीड़ है. सांस के मरीजों की संख्या अचानक दोगुनी हो गई है. राइनोवायरस और मानव मेटान्यूमोवायरस की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं. 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे इस बीमारी की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं. चीन के उत्तरी प्रांतों में इसे लेकर कोराना जैसा खौफ है. चीनी रोग नियंत्रण विभाग ने इस बारे में बहुत ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की है. सिर्फ इतना कहा कि यह निमोनिया जैसी बीमारी है और हम इस पर निगरानी रख रहे हैं