DUSU अध्यक्ष आर्यन मान को हाईकोर्ट का नोटिस, अदालत ने कम मतदान और अधिक चालान पर भी की टिप्पणी

DUSU अध्यक्ष आर्यन मान को हाईकोर्ट का नोटिस, अदालत ने कम मतदान और अधिक चालान पर भी की टिप्पणी

डूसू के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और सचिव को होईकोर्ट का नोटिस Image Credit source: Social Media

DUSU Election 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) चुनाव शुक्रवार को संपन्न हो गए हैं. इसमें अध्यक्ष समेत तीन पदों पर ABVP को जीत मिली है तो वहीं उपाध्यक्ष का पद NSUI के खाते में गया है. रिजल्ट जारी होते ही नवनिर्वाचित डूसू अध्यक्ष आर्यन मान और सचिव कुणाल चौधरी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने अध्यक्ष और सचिव को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने चुनावों के लिए बनाए निर्धारित गाइडलाइंस का पालन न करने पर ये नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने डूसू 2025 चुनाव में कम मतदान और 10 गुना अधिक चालान पर भी टिप्पणी की है.

आइए जानते हैं कि दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहते हुए नोटिस जारी किया है. अगली सुनवाई कब होगी. साथ ही जानेंगे कि हाईकोर्ट ने और क्या टिप्पणी की है.

6 नंवबर को अगली सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने डूसू नवनिर्वाचित अध्यक्ष और सचिव को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही जिन उम्मीदवारों को डीयू प्रशासन की तरफ से नोटिस दिए गए था, उन्हें भी प्रतिवादी बनाने के निर्देश दिए हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी.

आदेश के बाद भी हुआ नियमों का उल्लघंन

दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किए हैं. याचिका में आरोप लगाया था कि डूसू चुनाव में दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, लिंगदोह समिति की सिफारिशों और डूसू आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है. इसको लेकर हाई कोर्ट ने पूर्व में ही डूसू चुनावों के दौरान संपत्ति विरूपण को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे.वहीं शुक्रवार को हाईकोर्ट ने कहा कि विजय जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी इसका उल्लंघन किया गया.

व्यवस्थित तरीके से नहीं हुआ चुनाव

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि चुनाव के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने तकरीबन 6,000 चालान काटे हैं. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कड़ी मेहनत की गई. इसी कड़ी में कॉलेज के आसपास के क्षेत्रों में उल्लंघनों के लिए 6,000 चालान जारी किए गए.

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि डूसू चुनाव में तकरीबन 39% मतदान हुआ. कोर्ट ने कहा कि कम मतदान और अधिक चालान ये बताते हैं कि चुनाव व्यवस्थित तरीके से नहीं हुए.

हाईकोर्ट ने कहा कि किसी स्थिति का आकलन करने के लिए कुछ सूचकांक होते हैं. छात्र मतदान के लिए क्यों नहीं आए? वे पढ़ रहे हैं, सभी शिक्षित हैं, यह नहीं माना जा सकता कि वे मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे. हाईकोर्ट ने सवाल पूछते हुए कहा कि आम छात्र मतदान के लिए नहीं जा पा रहा है. क्योंकि वह आशंकित है. चालान में 10 गुना वृद्धि क्या दर्शाती है? इन दो सूचकांकों के आधार पर, यदि आप आकलन करें, तो चीजें स्पष्ट हैं.

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