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क्या आप जानते हैं कि आपकी रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की पानी की बोतलें आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकती हैं? एक हालिया अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनसे पता चला है कि प्लास्टिक बोतलों में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक्स (MPs) दिल की धमनियों में रुकावट का कारण बन सकते हैं. यह रिपोर्ट वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स को चिंतित कर रही है.
माइक्रोप्लास्टिक्स छोटे-छोटे प्लास्टिक कण होते हैं, जिनका आकार 5 मिलीमीटर से भी कम होता है. ये हमारे खाने, हवा और पीने के पानी के जरिए हमारी बॉडी में घुस जाते हैं. खासकर प्लास्टिक की बोतलों से, जो बार-बार इस्तेमाल करने या धूप में रखे जाने पर छोटे कण छोड़ती हैं. ये कण इतने छोटे होते हैं कि हमारे खून के फ्लो में मिल सकते हैं.
शरीर में कैसे फैलते हैं माइक्रोप्लास्टिक्स?
शरीर में प्रवेश करने के बाद, माइक्रोप्लास्टिक्स पाचन तंत्र में रुकने के बजाय खून के फ्लो में पहुंच जाते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये कण हमारे इम्यून सेल्स द्वारा उठाए जाते हैं. हालांकि, ये सेल्स जब माइक्रोप्लास्टिक्स को नष्ट करने की कोशिश करती हैं, तो ये खुद ही फंस जाती हैं. इससे नसों में रुकावटें बनने लगती हैं, जो दिल और अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक खून के फ्लो में रुकावट कर सकती हैं.
दिल के लिए कैसे खतरनाक हैं माइक्रोप्लास्टिक्स?
अध्ययन में यह पाया गया है कि माइक्रोप्लास्टिक्स की वजह से खून की नसों में ब्लॉकेज हो सकता है. यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है, जब व्यक्ति पहले से ही कोलेस्ट्रॉल या मोटापे से ग्रस्त हो. ऐसे मामलों में नसें पहले से ही संकरी होती हैं, और माइक्रोप्लास्टिक्स का जमाव स्थिति को और खराब कर सकता है. इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
कैसे करें बचाव?
प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल कम करें और उन्हें बार-बार इस्तेमाल करने से बचें. उनकी जगह स्टील या कांच की बोतलों का इस्तेमाल करें, जो न सिर्फ आपकी सेहत के लिए बेहतर हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं.