
बस्ती। बोतल बंद पानी सेहत खराब कर सकते हैं। कुछ बोतल बंद पानी में ऐसे बैक्टीरिया पाए जा रहे हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पेट दर्द व कालरा रोग से व्यक्ति ग्रसित हो सकता है।
गोरखपुर में कुछ दिनों पहले खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एक कारखाने पर छापेमारी की थी। बोतलबंद पानी में पीलिया के जीवाणु मिले थे। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। कुछ फैक्ट्री मानक का ख्याल नहीं रखती हैं, जिससे पानी में हानिकारक बैक्टेरियां मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
इस वर्ष खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कुल सात नौ नमूने लिए हैं। इसमें से दो की रिपोर्ट आ गई है। एक ब्रांड का पानी अद्योमानक पाया गया है, जबकि दूसरे में कोलीफार्म बैक्टीरिया पाए गए हैं। यह बैक्टेरिया स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते है।
फैक्ट्री संचालक को नोटिस देने के साथ ही पानी की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। सहायक आयुक्त ने बताया कि फैक्ट्री से नमूने लिए गए थे, जांच में बैक्टेरिया मिलने पर पानी की बिक्री पर रोक लगा दिया गया है। नए उत्पादन की जांच कराने के बाद ही बिक्री की जा सकती है।
जिले में बोतल बंद पानी के कुल छह कारखाने संचालित है। जो अपने- अपने ब्रांड के पानी के उत्पादन को बोतल बंद पानी के रूप में सप्लाई करते हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने इस वर्ष इन फैक्ट्रियों से पानी के नमूने लेकर जांच किया।
दो माह पहले आई रिपोर्ट में पता चला कि एक ब्रांड के पानी में मिनरल्स की मात्रा कम पाई है। वहीं दूसरे ब्रांड के पानी में कोलीफार्म बैक्टीरिया पाए गए हैं। विभाग ने उनकी बोतल बंद पानी की सप्लाई पर रोक लगा दिया है।
आरओ प्लांंट वालों की नहीं कराई जाती है सैंपलिंग
जिले में आरओ प्लांट वालों की सैंपलिंग नहीं कराई जाती है। संचालक समय समय पर अपने पानी की टीडीएस की जांच कराकर उसकी रिपोर्ट विभाग को देते हैं। विभाग उन्हें साफ सफाई रखने के लिए निर्देशित करता है। इसके साथ ही जिन डिब्बों में पानी भरा जाता है उन डिब्बों की सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के लिए जोर देता है।
बोतलबंद पानी की क्वालिटी जांचे बिना ही बाजार में बेंच दी जाती है। ऐसे में इसमें हानिकारक बैक्टीरिया मिलने की आशंका रहती है। इस पर सावधानी बरतने की जरूरत है।