
बीजेपी का जीएसटी बचत उत्सव अभियान.
बीजेपी 22 सितंबर से 29 सितंबर तक पूरे देश में GST बचत उत्सव अभियान चलायेगी. हर सांसद को अपने क्षेत्र के प्रत्येक बाज़ार में पद यात्रा करने के निर्देश दिए गये. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में जीएसटी रिफॉर्म की चर्चा की और कहा कि इससे वन नेशन, वन टैक्स का सपना साकार हुआ है. उन्होंने कहा कि कल नवरात्रि के प्रथम दिवस सूर्योदय के साथ नेकस्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि कल से जीएसटी बचत उत्सव शुरू होने जा रहा है. इस उत्सव में आपकी बचत बढ़ेगी और आप अपनी पसंद की चीजों को और ज्यादा आसानी से खरीद पाएंगे.
उन्होंने कहा कि हमारे देश के गरीब मध्यम वर्ग के लोग, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी और उद्ममी सभी को ये बचत उत्सव का बहुत फायदा होगा. यानी त्योहारों के इस मौसम में सबका मुंह मीठा होगा. देश के हर परिवार की खुशियां बढ़ेगी. देश के कोटि-कोटि परिवार को इस बचत उत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं.
इस महीने की शुरुआत में, जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरों को मिलाकर जीएसटी दरों को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो स्लैब में तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया था.
हर सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में करेंगे पदयात्रा
इस विशेष पहल के तहत, प्रत्येक भाजपा सांसद को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाजारों में पद यात्राएं आयोजित करने का निर्देश दिया गया है.
इस कार्यक्रम के माध्यम से, पार्टी का उद्देश्य व्यापारियों, दुकानदारों और आम जनता से सीधे जुड़ना, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना और इस बात पर ज़ोर देना है कि इसने अर्थव्यवस्था में बचत और पारदर्शिता में कैसे योगदान दिया है.
सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान में विभिन्न राज्यों के पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की बड़े पैमाने पर भागीदारी की उम्मीद है.
भाजपा करेगी पदयात्रा का आयोजन
स्थानीय बाजारों में पदयात्राएं आयोजित करके, भाजपा अपनी जमीनी पहुंच को मजबूत करने और छोटे व्यवसाय मालिकों से जुड़ने की योजना बना रही है, ताकि व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने वाली सरकारी नीतियों पर प्रकाश डाला जा सके.
यह पहल त्योहारों के मौसम से पहले की गई है, जो भाजपा के जमीनी स्तर पर जन-भागीदारी और आर्थिक संदेश पर जोर देने को रेखांकित करती है.
इस महीने की शुरुआत में, 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरों को मिलाकर जीएसटी दरों को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब में तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया था.