GST Gift: आटा, तेल, साबुन ही नहीं, नई जीएसटी दरें लागू होने से सस्ती होंगी दवाएं

GST Gift: आटा, तेल, साबुन ही नहीं, नई जीएसटी दरें लागू होने से सस्ती होंगी दवाएं

दवाएं होंगी सस्ती

नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से देश में जीएसटी की नई दरें लागू हो जाएंगी. इसको देखते हुए देश की प्रमुख FMCG कंपनियों ने अपने प्रमुख प्रोडक्ट्स जैसे आटा, तेल, साबुन के दाम में कटौती की घोषणा कर दी है. एचयूएल से लेकर आईटीसी, प्रॉक्टर एंड गैंबल और इमामी जैसी कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों को सस्ता किया है. लेकिन क्या आपको पता है कि GST की नई दरें लागू होने के बाद न केवल आटा-तेल सस्ता होगा बल्कि कुछ जेनरिक दवाएं और मेडिकल सर्विसेज भी सस्ती हो जाएंगी.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार से नई जीएसटी दरों के लागू होने के साथ कुछ जीवन रक्षक दवाएं और चिकित्सा उपकरण सस्ते हो जाएंगे. भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित ऐतिहासिक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार 22 सितंबर से लागू हो रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक के लिए और अधिक किफायती और सुलभ बन जाएंगी.

दवाओं पर जीएसटी रेट

उन्होंने आगे बताया कि ज्यादातर दवाओं पर पहले 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था, लेकिन अब इन पर केवल पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इसके अलावा, कैंसर, आनुवंशिक और दुर्लभ बीमारियों तथा हृदय रोगों से जुड़ी 36 महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाओं को पूरी तरह से कर से मु्क्त कर दिया गया है. जैन ने बताया कि जीएसटी परिषद ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम, ग्लूकोमीटर और सुधारात्मक चश्मों पर लगने वाली कर की दरों को भी तर्कसंगत बनाया है.

आम आदमी को होगा फायदा

सुदर्शन जैन ने कहा कि ये कदम भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव दर्शाते हैं. इससे मरीजों को सीधी बचत होगी, परिवारों पर खर्च का बोझ कम होगा, जरूरी इलाज तक पहुंच आसान होगी और देश की स्वास्थ्य सुरक्षा मजबूत होगी. जैन ने आगे कहा कि भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि इन लाभों का फायदा नागरिकों तक तेजी और पारदर्शिता के साथ पहुंचे. हमारा उद्देश्य सभी के लिए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाना है.

इससे पहले, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई) के महानिदेशक अनिल मताई ने कहा था कि जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी कम करने का फैसला एक ऐतिहासिक और सहानुभूतिपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि यह साहसिक कदम मरीजों और उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ को काफी हद तक कम करेगा और इलाज को अस्पताल से लेकर घर तक हर स्तर पर सस्ता और सुलभ बनाएगा.