
GST reform 2025: जीएसटी में सुधार के बाद ये दावा किया जा रहा है कि अब आम जनता के पास बचत के अवसर ज्यादा होंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि 99% ऐसे सामान जो 12% की जीएसटी दर पर आते थे, उन्हें 5% की दर पर ला दिया गया है, जिससे खासतौर पर मध्यम वर्ग और गरीबों को फायदा होगा.
केंद्रीय सरकार ने जीएसटी में सुधार किए हैं, जो 22 सितंबर से लागू होंगे. इसमें लग्जरी और सिन गुड्स पर ज्यादा जीएसटी लगाने पर जोर दिया है, साथ ही रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी दर कम किया गया है. ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि अब आम जनता के पास बचत के लिए ज्यादा पैसा बचेगा और परचेसिंग पावर भी बढ़ेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को विजाग में आयोजित “नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधार” कार्यक्रम के दौरान बताया कि जीएसटी व्यवस्था में किए गए बदलाव से आम जनता के हाथ में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये अधिक पैसा आएगा. उन्होंने बताया कि अब 99% ऐसे सामान जो 12% की जीएसटी दर पर आते थे, उन्हें 5% की दर पर ला दिया गया है, जिससे खासतौर पर मध्यम वर्ग और गरीबों को फायदा होगा.
जीएसटी का बड़ा सुधार
निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह जीएसटी सुधार 2017 में लागू किए गए वन नेशन, वन टैक्स के बाद सबसे बड़ा बदलाव है. नए नियमों के अनुसार 12% और 28% की दरें खत्म कर दी गई हैं. अब रोजमर्रा के ज्यादातर खाद्य और किराने के सामान पर 5% की ही दर लगेगी, जबकि दूध, ब्रेड और पनीर जैसे आवश्यक वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इससे इन वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी और आम आदमी की जिंदगी आसान होगी.
करदाता संख्या में भारी बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने बताया कि देश में जीएसटी से जुड़े करदाताओं की संख्या 65 लाख से बढ़कर अब 1.51 करोड़ हो गई है. यह वृद्धि इस सुधार की सफलता का एक बड़ा संकेत है. जीएसटी का राजस्व भी 2018 में 7.19 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 22.08 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार ने न केवल कर प्रणाली को सरल बनाया है, बल्कि इसकी पहुंच भी व्यापक की है.
लाभ कौन-कौन मिलेगा?
सीतारमण ने कहा कि यह सुधार सिर्फ उद्योगों को ही नहीं, बल्कि आम जनता को दस गुना ज्यादा फायदा पहुंचाएगा. खासकर मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों की जेब पर इसका सकारात्मक असर होगा. क्योंकि दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स कम होने से उनकी खरीद क्षमता बढ़ेगी और वे ज्यादा खर्च कर सकेंगे.
नए जीएसटी स्लैब
– 5% जीएसटी दर पर अधिकांश रोजाना इस्तेमाल होने वाले सामान आएंगे.
– दूध, ब्रेड और पनीर जैसे आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा.
– 12% और 28% स्लैब खत्म कर दिए गए हैं.
– टैक्स व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाया गया है.
सरकार का लक्ष्य
वित्त मंत्री का कहना है कि यह सुधार भारत की कर व्यवस्था का एक बड़ा कदम है जो “गरीबी कम करने और आम आदमी की जिंदगी सुधारने” की दिशा में है. इससे करदाताओं की संख्या बढ़ेगी और सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा, जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी.