GPCI 2024 फीके पड़ गए दिल्ली-बेंगलुरू जैसे महानगर, जानिए भारत के इस शहर को ग्लोबल पावर सिटी के टॉप 50 में कैसे मिली जगह “ • ˌ

भारत समय के साथ लगातार तरक्की कर रहा है और विकसित देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है. भारत के एक शहर को हाल ही में ग्लोबल पावर सिटी में टॉप 50 में जगह दी गई है. आप सोच रहे होंगे ग्लोबल पावर सिटी की इस लिस्ट में राजधानी दिल्ली, बेंगलुरू जैसे महानगरों का नाम शामिल होगा, लेकिन ऐसा नहीं है, लिस्ट में मुंबई का नाम शामिल है. मुंबई 48वें पायदान पर रहा. हालांकि, मुंबई इस लिस्ट में पिछले कई सालों से बना हुआ है.

यह समझने से पहले कि मुंबई को लिस्ट में क्यों जगह दी गई है, टॉप-10 शहर कौन से रहे. यह जानना जरूरी है कि ग्लोबल पावर सिटी आखिर क्या है? इस लिस्ट में शहरों को कैसे चुना जाता है? किन आधारों पर शहरों की रैंकिंग की जाती है.

क्या है ग्लोबल पावर सिटी इंडेक्स?

ग्लोबल पावर सिटी इंडेक्स एक ऐसी ग्लोबल लिस्ट है जिसमें उन शहरों को शामिल किया जाता है जो अर्थव्यवस्था, टूरिज्म जैसे 6 मानकों पर खरे उतर रहे हैं और ग्लोबर पावर बन रहे हैं. ग्लोबल
कंपटीशन के चलते जीपीसीआई प्रमुख शहरों का मूल्यांकन करता है और उनको रैंकिंग देता है.

यह शहर एक ऐसी ग्लोबल पावर बन रहे हैं, जो टूरिज्म को आकर्षित कर रहे हैं, दुनिया भर के लोग यहां बिजनेस करना चाहते हैं.

इस लिस्ट में इन आधारों पर शहरों को रैंकिंग दी जाती है:

  1. अर्थव्यवस्था
  2. रिसर्च और डेवलपमेंट
  3. कल्चर प्रभाव
  4. जीवन की योग्यता (Livability)
  5. पर्यावरण
  6. एक्सेसिबिलिटी

GPCI के मानदंड क्या हैं?

GPCI की रिपोर्ट साल 2008 से पब्लिश की जा रही है. इस रिपोर्ट को जापान में तैयार किया जाता है. Mori Memorial Foundation का Institute for Urban Strategies इसको पब्लिश करता है. GPCI की लिस्ट में मुंबई हमेशा से बना रहा है. साल 2016 में मुंबई 39 वें पायदान पर था, लेकिन इस साल मुंबई पिछड़ गया है और 48 वें पायदान पर आ गया है.

इस लिस्ट में 6 पॉइंट को देखते हुए शहर को नंबर दिए जाते हैं और फिर सब नंबरों के हिसाब से रैंकिंग दी जाती है. सबसे ज्यादा नंबर 2,600 पॉइंट होते हैं.

कैसे होता है शहरों का चुनाव?

पूरी दुनिया में 195 देश हैं और हर देश में बहुत सारे शहर हैं. इसी बीच यह सवाल मन में आना सही है कि किन शहरों को इस लिस्ट में शामिल किया जाता है? जब दुनिया में इतने सारे देश हैं तो इन देशों को किन आधारों पर लिस्ट में शामिल किया जाता है?

(GPCI) अपने सेट मानकों के आधार पर इन शहरों को चुनता है, पूरी दुनिया में इन शहरों का कितना प्रभाव है यह भी इसमें बहुत अहम रोल प्ले करता है. लिस्ट में शामिल करने के लिए शहरों को चुनने की प्रक्रिया एक Systematic Methodology पर आधारित होती है जो किसी शहर की अलग-अलग ताकतों को ध्यान में रख कर तय की जाती है.

ग्लोबल प्रभाव– इस लिस्ट में शामिल होने वाले शहर वो होते हैं जो ग्लोबल लेवल पर अहम रोल निभाते हैं. अर्थव्यवस्था की बात करें तो यह शहर पूरी दुनिया से इनवेस्टर अपनी तरफ खींचते हैं, ग्लोबल ट्रेड इनका ज्यादा होता है. कल्चर प्रभाव की बात करें तो इनके कल्चर का ग्लोबल प्रभाव होता है. यह इनोवेशन और टेक की दुनिया में आगे होते हैं. इनका क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर होता साथ ही पर्यावरण को लेकर भी यह सचेत होते हैं.

  1. इसी के साथ इस लिस्ट में ग्लोबल फाइनेंशियल हब जैसे शहर, न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो और हांगकांग जैसे शहरों को शामिल किया जाता है.
  2. कल्चर कैपिटल: सांस्कृतिक प्रभाव वाले शहर, जैसे पेरिस, मिलान, या लॉस एंजिल्स को इसमें शामिल किया जाता है.
  3. इनोवेशन हब जैसे सैन फ्रांसिस्को, बर्लिन को इसमें शामिल किया जाता है. वो शहर जहां क्वालिटी ऑफ लाइफ बहुत अच्छी होती है उन शहरों को इसमें शामिल किया जाता है, जैसे सिडनी.

कौन से शहर टॉप 10

मुंबई को क्यों किया गया शामिल?

हम यह बात पहले ही कर चुके हैं कि किन 6 पॉइंट के आधार पर इस लिस्ट में शहरों को शामिल किया जाता है. इस लिस्ट में मुंबई का नाम काफी लंबे समय से जुड़ा हुआ है.

अर्थव्यवस्था

फाइनेंशियल हब: मुंबई भारत का फाइनेंशियल हब है, मुंबई में कई MNC हैं. इसी के साथ नेशनल और ग्लोबल मार्केट में यह अहम रोल प्ले कर रहा है. इसी के साथ मुंबई अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में देश में अहम रोल प्ले करता है.

कल्चर प्रभाव की बात करें तो मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री का प्रभाव पूरी दुनिया में दिखाई देता है. इसी के चलते भारत के कल्चर का प्रभाव ग्लोबली हो रहा है. कनेक्टिविटी की बात करें तो मुंबई ट्रांसपोर्टेशन हब भी है. इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में भी मुंबई काफी आगे हैं. इसी के साथ मुंबई एक अच्छी क्वालिटी ऑफ लाइफ भी देता है. साथ ही मुंबई में एजुकेशन सिस्टम भी बेहतर है और क्राइम रेट दिल्ली से कम है.

लिस्ट में कितने अंक दिए गए?
मुंबई को इस लिस्ट में कुल 654.6 अंक दिए गए हैं और वो 48वें पायदान पर रहा.

  1. इकॉनोमी में – 94.52-
  2. रिसर्च और डेवलपमेंट- 12.7
  3. कल्चर – 77.0
  4. जीवन की योग्यता Livability- 275.0
  5. पर्यावरण- 94.4
  6. एक्सेसिबिलिटी-101