
सोने की कीमतों में आने वाले समय में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे आम आदमी के लिए सोना खरीदना फिर से आसान हो सकता है। एक विश्लेषक फर्म मॉर्निंगस्टार का अनुमान है कि सोने की कीमतों में 40% से ज़्यादा की भारी गिरावट आ सकती है, जिससे भारत में 24 कैरेट सोने की क़ीमत लगभग ₹55,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकती है। हालाँकि, यह अनुमानित गिरावट बाज़ार में अस्थिरता का संकेत भी देती है।
गिरावट की संभावित वजहें
मॉर्निंगस्टार के अनुसार, सोने की क़ीमतों में इस संभावित गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- बढ़ती हुई आपूर्ति: दुनिया भर में सोने का उत्पादन तेज़ी से बढ़ा है। ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने उत्पादन बढ़ाया है और रीसाइकिल सोने की आपूर्ति भी बढ़ी है।
- घटती माँग: दुनिया भर के केंद्रीय बैंक, जिन्होंने पहले बड़ी मात्रा में सोना ख़रीदा था, अब अपनी ख़रीदारी को धीमा कर सकते हैं। एक सर्वे में पाया गया है कि 71% केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने की योजना बना रहे हैं।
- बाज़ार में संतृप्ति (Saturation): सोने के क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण में वृद्धि बाज़ार में तेज़ी के चरम पर होने का संकेत देती है, जिसके बाद क़ीमतों में सुधार की संभावना होती है।
विशेषज्ञों की राय में मतभेद
सोने की क़ीमतों को लेकर सभी विशेषज्ञ एकमत नहीं हैं। जहाँ एक ओर मॉर्निंगस्टार का अनुमान है कि क़ीमतें गिरेंगी, वहीं बैंक ऑफ़ अमेरिका (बोफा) और गोल्डमैन सैक्स जैसे बड़े वित्तीय संस्थान इसके विपरीत राय रखते हैं।
- बोफा (Bank of America) का अनुमान है कि अगले दो सालों में सोने की क़ीमत $3,500 प्रति औंस तक पहुँच सकती है।
- गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक यह क़ीमत $3,300 प्रति औंस तक हो सकती है।
यह दर्शाता है कि सोने के भविष्य को लेकर बाज़ार में अनिश्चितता बनी हुई है, और निवेशकों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।