भूत-प्रेत नहीं, अब ‘चुड़ैल’ पर आया विज्ञान का बयान! जानें क्या है ये नया और चौंकाने वाला रहस्य! • ˌ

सोशल मीडिया पर अक्सर एक सवाल बहस का विषय बन जाता है. क्या चुड़ैल सच में होती है? अगर होती है, तो कैसी दिखती है? कुछ लोग दावे करते हैं कि उन्होंने चुड़ैल देखी है, तो कुछ इसे सिर्फ डर कल्पना का खेल मानते हैं.

ऐसे में हम आपको चुड़ैलों के दुनिया की कहानी बताने वाले हैं, जो शायद इससे पहले आपने कहीं ना पढ़ी होगी नाही देखी होगी.

कैसे दिखती हैं चुड़ैल?

भारतीय लोककथाओं किस्सों में चुड़ैल को एक ऐसी आत्मा के रूप में दिखाया गया है, जो मौत के बाद भटकती रहती है. आमतौर पर इसे सफेद साड़ी पहने, खुले बालों उल्टे पांव वाली त के रूप में दिखाया जाता है. रात के समय पेड़ों पर बैठना, सुनसान जगहों पर दिखना राहगीरों को डराना चुड़ैलों की आम छवि मानी जाती है.

भारत में चुड़ैल की मान्यताएं

ग्रामीण भारत में कई जगहों पर आज भी लोग मानते हैं कि किसी त की असामयिक या दर्दनाक मृत्यु के बाद उसकी आत्मा चुड़ैल बन जाती है. खासकर अगर वह महिला अन्याय या धोखा झेल चुकी हो. कुछ क्षेत्रों में तो तों को ‘चुड़ैल’ कहकर प्रताड़ित भी किया जाता है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता.

क्या कहता है साइंस?

विज्ञान चुड़ैल की अवधारणा को पूरी तरह से नकारता है. मनोविज्ञान के अनुसार, चुड़ैल देखने या महसूस करने की घटनाएं अक्सर नींद की गड़बड़ी, अंधविश्वास, या मानसिक तनाव के कारण होती हैं. हॉल्यूसिनेशन यानी मस्तिष्क की भ्रमित स्थिति में इंसान को ऐसी चीजें दिखाई देती हैं जो असल में होती नहीं.

हॉरर फिल्मों कहानियों का असर

टीवी शोज, फिल्में किस्से-कहानियां भी चुड़ैलों की छवि को डरावना बनाते हैं. इनका मकसद सिर्फ मनोरंजन होता है, लेकिन लोग अक्सर इन्हें सच मान बैठते हैं. अब तक चुड़ैल के होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है. जो लोग इन्हें देखते या महसूस करते हैं, उनके अनुभव व्यक्तिगत मानसिक स्थितियों से जुड़े हो सकते हैं. डर अंधविश्वास को तर्क जानकारी से दूर किया जा सकता है. इसलिए किसी भी अफवाह या भ्रम से पहले सच्चाई जरूर जांचें.