
क्या आप जानते हैं कि अपने बैंक अकाउंट में पड़े पैसे निकालने के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण नियम लागू होते हैं? खासकर अगर आप यह मानते हैं कि अपने खाते में जमा रकम कभी भी निकाल सकते हैं, तो थोड़ा रुकिए। आयकर अधिनियम और बैंकिंग चार्ज से जुड़े कुछ नियमों को समझना जरूरी है ताकि अनावश्यक टैक्स और शुल्क से बचा जा सके।
कितना कैश निकाल सकते हैं?
अक्सर लोग मानते हैं कि बैंक खाते से जितना चाहें उतना कैश निकाल सकते हैं, लेकिन आयकर अधिनियम की धारा 194N के तहत कुछ सीमाएं तय की गई हैं। यदि कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक की राशि निकालता है और उसने लगातार 3 साल से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है, तो उसे टीडीएस (TDS) का भुगतान करना होगा। यह नियम सभी बैंकों, कोऑपरेटिव बैंकों और पोस्ट ऑफिस खातों पर लागू होता है।
ITR भरने वालों को विशेष छूट
जो लोग नियमित रूप से ITR फाइल करते हैं, उन्हें इन नियमों में राहत मिलती है। ऐसे ग्राहक बिना टीडीएस भुगतान के, एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये तक कैश निकाल सकते हैं। यह नियम उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद है जो अपने कर दायित्वों का पालन करते हैं।
कितना देना होगा TDS?
इस नियम के तहत अगर आप एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी करते हैं, तो 2% टीडीएस काटा जाएगा। वहीं, जो लोग ITR फाइल नहीं करते, उन्हें 20 लाख रुपये से अधिक की निकासी पर 2% और 1 करोड़ रुपये से अधिक पर 5% का टीडीएस देना पड़ता है।
एटीएम ट्रांजेक्शन पर चार्ज का नियम
बैंक अकाउंट से एटीएम के जरिए नकदी निकालने पर भी शुल्क लागू है। RBI के नियमों के तहत, 1 जनवरी 2022 से बैंक एटीएम से निर्धारित सीमा से अधिक बार नकदी निकालने पर प्रति ट्रांजेक्शन 21 रुपये का शुल्क वसूलते हैं। अधिकतर बैंकों में अपने एटीएम से हर महीने 5 ट्रांजेक्शन फ्री मिलते हैं। मेट्रो शहरों में यह सीमा और भी कम है, जहां अपने बैंक के एटीएम से सिर्फ 3 बार फ्री में पैसा निकाल सकते हैं।