
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के मंच से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसा ऐलान किया है, जिसे भारत के वित्तीय इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है. उन्होंने गुजरात की गिफ्ट सिटी (GIFT City) में ‘फॉरेन करेंसी सेटलमेंट सिस्टम’ (FCSS) का शुभारंभ किया. यह एक ऐसा क्रांतिकारी कदम है जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के तौर-तरीकों को पूरी तरह बदलकर रख देगा.
इस एक फैसले ने भारत को हांगकांग, टोक्यो और मनीला जैसे चुनिंदा वैश्विक वित्तीय केंद्रों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया है, जहां विदेशी मुद्रा में होने वाले सौदों का निपटारा स्थानीय स्तर पर ही हो जाता है. यह सिर्फ एक तकनीकी अपग्रेड नहीं, बल्कि दुनिया को यह बताने का एक मजबूत संकेत है कि भारत अब वित्तीय दुनिया का एक बड़ा खिलाड़ी बनने के लिए पूरी तरह तैयार है.
पलक झपकते ही होगा विदेशी पेमेंट
अब तक भारत में जब भी कोई कंपनी या संस्था विदेशी मुद्रा, जैसे कि डॉलर में कोई लेनदेन करती थी, तो उसे एक लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. इसे ‘कॉरस्पांडेंट बैंकिंग’ व्यवस्था कहते हैं, जिसमें पैसा कई बैंकों और अलग-अलग देशों के सिस्टम से होकर गुजरता था. इस पूरी प्रक्रिया में 36 से 48 घंटे, यानी लगभग दो दिन का समय लग जाता था. सोचिए, एक कारोबारी के लिए दो दिन तक अपना पैसा हवा में अटके रहना कितना बड़ा सिरदर्द होता होगा. इससे न केवल कारोबार की रफ्तार धीमी होती थी, बल्कि बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम भी बना रहता था.
वित्त मंत्री ने इसी समस्या पर सीधा प्रहार किया है. उन्होंने बताया कि नया फॉरेन करेंसी सेटलमेंट सिस्टम (FCSS) इस इंतजार को खत्म कर देगा. अब विदेशी मुद्रा में होने वाले लेनदेन ‘रियल-टाइम’ यानी पलक झपकते ही पूरे हो जाएंगे. इससे गिफ्ट सिटी में काम कर रही अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए लिक्विडिटी मैनेजमेंट यानी पैसों का प्रबंधन करना पानी की तरह आसान हो जाएगा. उनका पैसा अटकेगा नहीं, जिससे वे ज्यादा तेजी से और कुशलता से अपना कारोबार बढ़ा सकेंगी. यह कदम ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी कारोबार करने में आसानी की दिशा में एक बहुत बड़ा सुधार है.
दुनिया देखेगी हिंदुस्तान का दम
गिफ्ट सिटी में इस सिस्टम के लॉन्च होने का मतलब है कि भारत अब उन गिने-चुने देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास अपनी धरती पर विदेशी मुद्रा के लेनदेन को निपटाने की क्षमता है. अब तक यह सुविधा केवल हांगकांग, टोक्यो और मनीला जैसे बड़े फाइनेंशियल हब्स के पास ही थी. यह भारत के इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. इससे दुनिया भर के निवेशकों और कंपनियों का भारत पर भरोसा और भी मजबूत होगा.
कैसे काम करेगा यह सिस्टम ?
यह नया सिस्टम गिफ्ट सिटी IFSC के भीतर एक समर्पित पेमेंट गेटवे की तरह काम करेगा, जिसे खास तौर पर विदेशी मुद्रा के सौदों के लिए ही डिजाइन किया गया है. जब भी कोई दो पार्टियां यहां डॉलर या किसी अन्य विदेशी मुद्रा में सौदा करेंगी, तो उसका निपटारा इसी सिस्टम के जरिए तुरंत हो जाएगा, बिना किसी बाहरी देश के बैंक को शामिल किए.