आसमान से बरसेगी आग, जमीन से फूटेगी ज्वाला, बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से डरी दुनिया

आसमान से बरसेगी आग, जमीन से फूटेगी ज्वाला, बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से डरी दुनिया

Baba Vanga August 2025 Predictions: बुल्गारिया की बाबा वेंगा को उनकी भविष्यवाणियों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। बाबा वेंगा को बाल्कन क्षेत्र की नॉस्त्रेदमस कहा जाता है। उनकी भविष्यवाणियों की अक्सर चर्चा होती है। एक बार उनकी भविष्यवाणियां लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इसमें उन्होंने ”डबल फायर” की बात की थी। उन्होंने यह भविष्यवाणी अगस्त 2025 के लिए की थी।

बाबा वेंगा का जन्म बुल्गारिया में साल 1911 में हुआ था और साल 1996 में 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। बाबा वेंगा की आंखों की रोशनी सिर्फ 12 साल की उम्र में ही चली गई थी। बाबा वेंगा ने सोवियत संघ के विघटन, अमेरिका में आतंकी संगठन अलकायदा के 9/11 हमले समेत कई भविष्यवाणियां की थीं, जो बिल्कुल सच साबित हुई हैं। आइए जानके हैं कि बाबा वेंगा ने कौन सी अगस्त के लिए कौन सी भविष्यवाणी की है, जिसने लोगों को डरा दिया है।

क्या है ‘डबल फायर’ भविष्यवाणी?

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा वेंगा ने अगस्त में 2025 को लेकर कहा था कि इस दौरान डबल फायर होगा। एक धरती से और एक आकाश से। आखिर इसका क्या मतलब है। यह अभी भी रहस्य है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इसका मतलब जंगलों की आग से है। कुछ लोगों का कहना है कि घने जंगलों में आग लग सकती है तो कुछ लोगों का मानना है कि शायद ज्वालामुखी विस्फोट भी हो सकता है। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कोई उल्कापिंड या एस्ट्रॉइड धरती से टकरा सकता है।

एक और रहस्यमयी भविष्यवाणी

बाबा वेंगी ने अपनी एक भविष्यवाणी में यह भी कहा है कि मानवता अगस्त में उस ज्ञान के करीब पहुंचेगी, जिसे वह जानना नहीं चाहती थी। इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी थी कि जो एक बार खुल चुका है, उसे दोबारा बंद नहीं किया जा सकता।

बाबा वेंगा की यह भविष्यवाणी किसी बारे में और किसी चीज से जुड़ी हुई है, जो साफ नहीं है। हालांकि, लोगों का मानना है कि यह बायोटेक्नोलॉजी या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से जुड़ी हो सकती है।

बाबा वेंगा ने एक अन्य भविष्यवाणी में कहा है कि संयुक्त हाथ दो टुकड़ों में बंट जाएगा और दोनों अपने रास्ते पर चल पड़ेंगे। इसके भी कई तरह के मतलब निकाले जा रहे हैं। कुछ विशेषज्ञ इसके राजनीतिक मतलब निकाल रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह नाटो या यूरोपीय संघ जैसे गठबंधनों में फूट का संकेत हो सकता है।

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