देश के चर्चित IPS ने खुद को गोली से उडाया, IAS पत्नी जापान दौरे पर-दहले लोग


IPS Story : हरियाणा पुलिस के सीनियर आईपीएस ADGP वाई पूरन कुमार ने आत्महत्या कर ली है. रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली. उनकी 29 सितंबर को ही रोहतक की सुनरिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में पोस्टिंग हुई थी. पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे.

आईपीएस पूरन कुमार ने बीई करने के साथ आईआईएम अहमदाबाद से PGDMC भी किया था. उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार भी 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं.

सीएम के साथ जापान में हैं पत्नी
आईपीएस वाई पूरन कुमार की पत्नी इस वक्त हरियाण के सीएम के साथ जापान में हैं. वह भी 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. उनका जन्म 27 अक्टूबर 1977 को हुआ था. उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए और आईआईटी मद्रास से हेल्थ इकोनॉमिक्स में पीएचडी किया है. वह पिछले दो साल से हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की कमिश्नर और सचिव हैं.

फ्यूचर डिपार्टमेंट की सचिव

अमनीत ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. वे हरियाणा के ‘भविष्य विभाग’ (Department of Future) की आयुक्त एवं सचिव भी नियुक्त की गई हैं, जो राज्य के दीर्घकालिक विकास की रणनीतियों पर काम करता है . इसके अतिरिक्त, वे मत्स्य पालन विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग की भी सचिव रही हैं.

इस घटना से जुड़ी 3 प्रमुख बातें….

1. 3 मंजिला कोठी की बेसमेंट में घटना IPS अफसर वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर 11 की जिस 116 नंबर कोठी में सुसाइड किया, वह तीन मंजिला है। तीनों फ्लोर पर अलग-अलग परिवार रहते हैं। वाई पूरन कुमार के पास इस कोठी का ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट है। वह यहां अपनी पत्नी अमनीत पी. कुमार और एक बेटी के साथ रहते थे। उनकी पत्नी हरियाणा सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग की सचिव हैं। इनकी छोटी बेटी चंडीगढ़ में ही पढ़ाई कर रही है, जबकि बड़ी बेटी विदेश में स्टडी करने के लिए गई हुई है।

2. बेटी ने देखी सबसे पहले बॉडी चंडीगढ़ पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को वाई पूरन कुमार और उनकी छोटी बेटी घर पर थे। बाप-बेटी सुबह ग्राउंड फ्लोर पर थे। थोड़ी देर बाद पूरन कुमार उठकर कोठी की बेसमेंट में चले गए जबकि बेटी अपने किसी काम में व्यस्त हो गई। बेसमेंट में पहुंचने के बाद पूरन कुमार ने वहां पड़ी कुर्सी पर बैठकर पिस्टल को अपनी कनपटी पर रखकर ट्रिगर दबा दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना का पता तब चला जब कुछ देर बाद बेटी बेसमेंट में गई। पिता की बॉडी और खून देखकर उसने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।

3. मजदूरों ने नहीं सुनी गोली चलने की आवाज कोठी के बाहर एक प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के गार्ड तैनात रहते हैं जिन्हें तीनों फैमिली ने मिलकर रखा है। यहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने ही चंडीगढ़ पुलिस को फोन करके गोली चलने की सूचना दी। कोठी के ठीक सामने स्थित प्लॉट में घर बनाने का काम चल रहा है। यहां काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि उन्होंने गोली चलने की कोई आवाज नहीं सुनी। दोपहर 2 बजे जब पुलिस की कई गाड़ियां वहां पहुंचीं, तब उन्हें पता चला कि सामने वाली कोठी में किसी बड़े पुलिस अफसर ने खुद को गोली मार ली है।

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