इस दवा को खाओ तब भी मुसीबत, न खाओ तो जान का खतरा, आखिर कौन सी है यह मेडिसिन, जानकर चौंक जाएंगे ˒

इस दवा को खाओ तब भी मुसीबत, न खाओ तो जान का खतरा, आखिर कौन सी है यह मेडिसिन, जानकर चौंक जाएंगे ˒
Even if you take this medicine, you will face trouble, if you don’t take it, your life will be in danger. You will be shocked to know what is this medicine?

वर्तमान समय में कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ती जा रही है. ये दो परेशानियां दुनियाभर में करोड़ों लोगों को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं. कोलेस्ट्रॉल हमारे खून में पाया जाने वाला पदार्थ है, जिसकी मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो यह खून की धमनियों में जम जाता है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. दूसरी तरफ डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंस पैदा हो जाता है. इसकी वजह से ब्लड शुगर बेकाबू हो जाता है. दोनों ही बीमारियां जानलेवा हो सकती हैं.

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट के अनुसार हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए स्टैटिन्स (Statins) दवा का इस्तेमाल किया जाता है. यह दवा खाने से लिवर में बनने वाले कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती है और खून की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल बाहर निकलने लगता है. इसके अलावा यह दवा बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करके गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है. इस दवा से कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है और आर्टरीज में जमा प्लेक बाहर निकल जाता है. इससे हार्ट और ब्रेन तक ऑक्सीजनेटेड ब्लड की सप्लाई बेहतर होती है. हालांकि यह दवा डॉक्टर की सलाह पर लेनी चाहिए, क्योंकि हर कोलेस्ट्रॉल के मरीज के लिए यह दवा जरूरी नहीं होती है.

स्टैटिन्स को कोलेस्ट्रॉल कम करने और हार्ट डिजीज से बचाव करने में बेहद असरदार माना जाता है, लेकिन इसका सेवन करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि स्टैटिन्स लेने से ब्लड शुगर बढ़ने लगता है, क्योंकि यह दवा इंसुलिन के काम को प्रभावित कर देती है. लंबे समय तक इस दवा को लेने से लोगों के शरीर में इंसुलिन की फंक्शनिंग गड़बड़ा सकती है और लोग टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि डायबिटीज के मरीजों को हार्ट डिजीज का खतरा अन्य लोगों की तुलना में दोगुना होता है. ऐसे में यह दवा खतरनाक भी हो सकती है.

अब सवाल है कि क्या लोगों को कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए स्टैटिन्स का सहारा लेना चाहिए? इस पर जानकारों का कहना है कि इस दवा के गंभीर जोखिम के बावजूद हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे डायबिटिक और नॉन डायबिटिक लोगों को इसकी सिफारिश की जाती है, लेकिन मरीज की कंडीशन के अनुसार डॉक्टर इसका फैसला करते हैं. कई लोग मानते हैं कि इस दवा को लेने से जितना खतरा है, उससे ज्यादा खतरा इस दवा से दूरी बनाने में है. कोलेस्ट्रॉल हद से ज्यादा बढ़ जाए तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह बन सकता है. ऐसे में कोलेस्ट्रॉल के मरीज अपने डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही यह दवा लें.

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