जिनकी वजह से बिगड़े थे भारत-कनाडा के रिश्ते, वो अब दिल्ली में झुका रहे सिर

जिनकी वजह से बिगड़े थे भारत-कनाडा के रिश्ते, वो अब दिल्ली में झुका रहे सिर

कनाडा से सुधरेंगे भारत के रिश्‍ते?

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के समय भारत और कनाडा के रिश्ते ठीक नहीं थे. उस समय कनाडा ने भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. यही वजह है कि रिश्तों में तल्खी देखने को मिली थी. हालांकि अब दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने की पहल शुरू हो चुकी है. गृहमंत्री अमित शाह पर अलगाववादियों को निशाना बनाने का आरोप लगाने वाली कनाडा की एनएसए नथाली ड्रोइन और उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन भारत पहुंचे. यहां उन्होंने NSA डोभाल से मुलाकात की. उनका यह दौरा रिश्तों में आई तल्खी को सुधारने के तौर पर देखा जा रहा है.

दोनों देशों के बीच हुई NSA स्तर की बातचीत के साथ संबंधों में नरमी आने के संकेत मिलने लगे हैं. बैठक को एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. इस पूरी बातचीत पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कनाडा के एनएसए ने हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बातचीत की है.

जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में अमित शाह पर लगाए थे आरोप

कनाडा में जिस समय जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री थे. उस समय ड्रोइन और मॉरिसन ने द वाशिंगटन पोस्ट को जानकारी लीक करने की बात को स्वीकार किया था. उन्होंने कहा था कि अलगाववादियों को निशाना बनाने के पूरे ऑपरेशन के पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हाथ है. हालांकि भारत ने उसी समय इन आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया था. इसके साथ ही सभी आरोपों को “बेतुका और निराधार बताया था.

कैसे आई भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में खटास?

भारत और कनाडा के बीच रिश्ते अच्छे चल रहे थे, लेकिन साल 2024 के सितंबर में तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान ने टेंशन पैदा कर दी. उन्होंने आरोप लगाया था कि खालिस्तान हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ है. इन आरोपों के बाद ही रिश्तों में तल्खी देखने को मिली थी. हालांकि ट्रूडो के इन आरोपों को भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था.

बैठक के दौरान क्या हुई बातचीत?

NSA स्तर की बातचीत में अजीत डोभाल और कनाडाई नथाली ड्रोइन के बीच हुई इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने पॉजिटिव रुख अपनाया है. बातचीत के दौरान सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में रेखांकित किया. इसके साथ ही भारत की तरफ से भारत ने खालिस्तानी उग्रवाद और कनाडा में आतंकवादियों के प्रत्यर्पण का मामला उठाया. इसके साथ ही कनाडा ने भी खुफिया जानकारी शेयर करने और आतंकवाद विरोधी अभियान में साथ देने की बात कही है.