‘हार के डर से भाजपा ले रही SIR का सहारा’, कांग्रेस ने राजस्थान सरकार को घेरा, कहा- मकसद सिर्फ चुनाव टालना

'हार के डर से भाजपा ले रही SIR का सहारा', कांग्रेस ने राजस्थान सरकार को घेरा, कहा- मकसद सिर्फ चुनाव टालना

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास और मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़

चुनाव आयोग ने राजस्थान समेत 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कराने की घोषणा की है. इसे लेकर सभी राज्यों में सियासत तेज हो गई है. राजस्थान में भी SIR को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार पंचायत और निकाय चुनाव में हार के डर से SIR का सहारा ले रही है, जबकि भाजपा ने इसे देशहित में उठाया गया कदम बताया है.

दरअसल, राजस्थान में पिछले एक साल से पंचायत और निकाय चुनाव लंबित हैं. 59 नगरपालिकाओं का नवंबर 2024 में कार्यकाल खत्म हुआ, वहीं पंचायत राज की 11,310 ग्राम पंचायतों का भी कार्यकाल समाप्त हो चुका है. सब जगह प्रशासक नियुक्त किए जा चुके हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार ने पहले वन स्टेट वन इलेक्शन का नारा दिया था, लेकिन न कोई मीटिंग हुई न सर्कुलर जारी हुआ. कांग्रेस का आरोप है कि ओबीसी आयोग में देरी और SIR लागू करने का मकसद सिर्फ चुनाव टालना है. पूर्व मंत्री ने कहा कि जब चुनाव लंबित थे तो सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग को कैसे लिख दिया कि चुनाव लंबित नहीं हैं.

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस पर बोला हमला

कांग्रेस के आरोपों पर उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि SIR लागू करने का उद्देश्य अवैध घुसपैठियों को रोकना है. देशहित के सवाल पर कांग्रेस को भाजपा के साथ खड़ा होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस हर राष्ट्रीय मुद्दे पर राजनीति करती है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी कहा कि SIR का निकाय या पंचायत चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि विधानसभा और लोकसभा की मतदाता सूचियां इनसे अलग होती हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अनावश्यक रूप से भ्रम फैलाने और प्रदेशवासियों को गुमराह करने का काम कर रही है.

राजस्थान में SIR को लेकर सरकार और कांग्रेस में जुबानी जंग

बताया जा रहा है कि राजस्थान में SIR लागू करने के बाद से कांग्रेस सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. कांग्रेस SIR को लेकर सरकार को घेरे हुए है. कांग्रेस का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग के सहारे को सत्ता में बने रहना चाहती है. उन्हें पता है कि अगर एक बार सत्ता से गए तो उनकी चोरी पकड़ी जाएगी. वहीं भाजपा भी कांग्रेस के आरोपों का लगातार जवाब दे रही है. भाजपा SIR को सुरक्षा और पारदर्शिता से जोड़कर देख रही है.

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