
शरीर के अन्य हिस्सों की टीबी क्या फैलती है?
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टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस एक संक्रामक बीमारी है जो मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नाम के बैक्टीरिया से होता है. सबसे आम रूप है फेफड़ों की टीबी (Pulmonary TB). जब किसी संक्रमित व्यक्ति को फेफड़ों की टीबी होती है, तो वह खांसते, छींकते या बात करते समय हवा में बैक्टीरिया छोड़ता है. ये बैक्टीरिया लंबे समय तक हवा में रह सकते हैं और आसपास मौजूद लोग सांस के जरिए इन्हें अंदर ले लेते हैं. इस तरह संक्रमण एक से दूसरे में फैलता है. फेफड़ों की टीबी अधिकतर उन लोगों को होती है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, जैसे कुपोषण, लंबे समय से बीमार रहना या HIV संक्रमित लोग. शुरुआती लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, रात में पसीना आना और वजन घटना शामिल हैं. समय पर इलाज न कराने पर यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है और दूसरों को भी संक्रमित कर सकती है.
टीबी सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं रहती. यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकती है जिसे एक्सट्रापल्मोनरी टीबी (Extrapulmonary TB) कहते हैं. इसमें लिम्फ नोड्स की टीबी, हड्डियों और जोड़ों की टीबी, गुर्दों की टीबी, मस्तिष्क की टीबी (TB meningitis), आंतों की टीबी और त्वचा की टीबी शामिल होती हैं. ऐसी टीबी में संक्रमण का सोर्स वही बैक्टीरिया होते हैं, लेकिन वे ब्लड फ्लो के जरिए फेफड़ों से निकलकर शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाते हैं. इस प्रकार की टीबी में लक्षण उस अंग के हिसाब से अलग-अलग होते हैं, जैसे लिम्फ नोड्स में सूजन, हड्डियों में दर्द, या दिमाग में सूजन से सिरदर्द व उलझन. इनका इलाज लंबा चलता है, लेकिन नियमित दवा से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.
क्या दूसरी टीबी भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है?
दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में पल्मोनोलॉजी विभाग में डॉ. भगवान मंत्री बताते हैं कि आमतौर पर फेफड़ों की टीबी ही संक्रामक होती है, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया खांसी या छींक के जरिए हवा में फैलते हैं, लेकिन शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाली टीबी यानी एक्सट्रापल्मोनरी टीबी, सामान्य स्थितियों में दूसरों को संक्रमित नहीं करती. लिम्फ नोड्स, हड्डियों या किडनी की टीबी में बैक्टीरिया बाहर की हवा में नहीं निकलते, इसलिए इसका संक्रमण फैलने का खतरा बहुत कम होता है.
लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में, जैसे अगर किसी मरीज को फेफड़ों की टीबी के साथ-साथ दूसरी टीबी भी हो, तो संक्रमण फैल सकता है. एक्सट्रापल्मोनरी टीबी के कुछ रूप जैसे खुली घाव वाली टीबी में सीधे संपर्क से संक्रमण का थोड़ा खतरा रह सकता है, लेकिन यह बहुत रेयर है. मेडिकल प्रक्रियाओं जैसे सर्जरी या लैब में काम के दौरान संक्रमण का जोखिम हो सकता है, इसलिए स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष सावधानी बरतनी होती है. इसलिए, फेफड़ों की टीबी ही मुख्य रूप से फैलने वाली बीमारी है, जबकि अन्य प्रकार आमतौर पर नहीं फैलते.
इन चीजों का रखें ध्यान
टीबी के मरीज को तुरंत और पूरा इलाज कराना ज़रूरी है.
खांसते या छींकते समय मुंहनाक ढकें, मास्क का प्रयोग करें.
घर में नियमित रूप से वेंटिलेशन रखें, हवा का आवागमन जरूरी है.
डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी दवाएं समय पर लें और पूरा कोर्स करें.
मरीज के बर्तन, तौलिया आदि अलग रखें और साफ-सफाई पर ध्यान दें.
इम्यूनिटी मजबूत रखने के लिए पौष्टिक डाइट लें.
टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं, इलाज में देरी न करें.