
कन्नूर के पवित्रन की कहानी एक चमत्कार जैसी लगती है, जहां एक इंसान की मौत को हकीकत के रूप में माना गया था, लेकिन फिर अचानक जीवन ने एक नया मोड़ लिया. 13 जनवरी को पवित्रन गंभीर सांस की तकलीफ और किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे.
डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था, लेकिन उनका शरीर खुद जीवन के संकेत दे रहा था.
मौत के बाद की चमत्कारी वापसी
डॉक्टरों ने पवित्रन को अस्पताल से छुट्टी दे दी थी और उन्हें बताया था कि वह दस मिनट से ज्यादा नहीं जीवित रह पाएंगे. उनकी हालत इतनी खराब थी कि परिवार ने उन्हें मृत मान लिया और कन्नूर लौटते वक्त मोर्चरी में ले जाने के लिए उन्हें स्ट्रेचर पर रखा. लेकिन रास्ते में कुछ अजीब हुआ, पवित्रन के शरीर में हलचल महसूस हुई. अस्पताल के कर्मचारियों ने देखा कि उनकी नाड़ी की धड़कन वापस लौट आई. यह देखकर सभी लोग हैरान रह गए.
शरीर में हलचल का माजरा क्या था?
जब पवित्रन को मोर्चरी में ले जाने के लिए स्ट्रेचर पर रखा गया, तो अस्पताल के कर्मचारी जयन और अनुप ने उनके शरीर में हलचल महसूस की. इसे देखकर तुरंत पवित्रन को आपातकालीन विभाग में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पाया कि उनकी नाड़ी की धड़कन वापस लौट आई थी. ये देखकर सभी को यकीन ही नहीं हुआ कि ऐसा कैसे हो सकता है.
इलाज के बाद मिली उम्मीद
पवित्रन को आईसीयू में भर्ती किया गया और कन्नूर के ए.के.जी. अस्पताल की डॉक्टर पूर्णिमा राव की देखरेख में उनका इलाज शुरू हुआ. इलाज के बाद पवित्रन की हालत में धीरे-धीरे सुधार हुआ. वे गैस्ट्रो आईसीयू में छह दिनों तक भर्ती रहे. इलाज के बाद पवित्रन को सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उनकी हालत और बेहतर हो गई.
घर लौटे पवित्रन, लेकिन…
24 जनवरी को पवित्रन अपनी पत्नी सुधा के साथ घर लौटे. यह किसी चमत्कार से कम नहीं था कि एक इंसान जो पहले मृत घोषित हो चुका था, वह फिर से अपनी पत्नी के साथ घर लौट आया था. लेकिन इस खुशी के पल के बाद, पवित्रन की तबीयत फिर से बिगड़ी. घर में आराम करते वक्त उनका निधन हो गया.