फोन को पूरी रात चार्जिंग पर रखने से बैटरी लगातार बिजली खींचती रहती है. इससे बैटरी और चार्जर दोनों में गर्मी बढ़ती है. अगर फोन बिस्तर या तकिए के नीचे रखा हो, तो वेंटिलेशन कम होने से ओवरहीटिंग का खतरा और बढ़ जाता है. कई मामलों में यह स्थिति फटने या आग लगने तक पहुंच सकती है. (Image-Freepik)
आजकल स्मार्टफोन्स में लिथियम-आयन बैटरी होती हैं जिनकी चार्ज साइकिल सीमित होती है. जब फोन 100% चार्ज होकर भी चार्जिंग पर रहता है, तो बैटरी लगातार माइक्रो-चार्ज साइकिल से गुजरती रहती है. यह प्रक्रिया बैटरी की क्षमता घटाती है और कुछ महीनों में बैकअप टाइम कम होने लगता है. (Image-Freepik)
फोन की चार्जिंग सर्किट्री और प्रोसेसर लगातार एक्टिव रहते हैं जब डिवाइस लंबे समय तक चार्जर से जुड़ा रहता है. इससे सिस्टम पर अतिरिक्त लोड पड़ता है. नतीजा यह होता है कि फोन गर्म होने के साथ-साथ परफॉर्मेंस पर भी असर दिखाने लगता है, जैसे लैगिंग या ऐप्स का स्लो खुलना. (Image-Freepik)
कई यूजर्स फोन के साथ आने वाले चार्जर की बजाय लोकल या सस्ते केबल का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे चार्जर में वोल्टेज कंट्रोल की क्वालिटी कमजोर होती है, जिससे स्पार्किंग या शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, हमेशा ओरिजिनल या सर्टिफाइड चार्जर का ही उपयोग करना चाहिए. (Image-Freepik)
अगर आप रात को ही फोन चार्ज करना चाहते हैं, तो टाइमर चार्जिंग या स्मार्ट प्लग का इस्तेमाल करें जो चार्ज फुल होने पर ऑटोमेटिक पावर बंद कर दें. साथ ही, चार्जिंग के दौरान फोन को बिस्तर पर रखने से बचें और फास्ट चार्जिंग फीचर का उपयोग जरूरत पड़ने पर ही करें. इससे बैटरी की हेल्थ लंबे समय तक बनी रहेगी. (Image-Freepik)









